भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का बचपन हैदराबाद की पुरानी गलियों में बीता। उनके घर के सामने एक गली थी, उसी गली में वे क्रिकेट खेला करते थे। आसपास के लोग अक्सर इसका विरोध करते थे, लेकिन साथ में खेलने वाले लड़कों की टोली एकजुट होकर वहीं खेलती रहती थी।
अजहरुद्दीन को घर के लोग प्यार में अज्जू कहते थे। उनके बचपन और खेल को लेकर एक किस्सा उनकी मौसी ने एक टीवी प्रोग्राम में शेयर किया। उन्होंने बताया कि एक दिन अपनी आया के साथ खेलते हुए अज्जू ने अपने बल्ले से इतना जोर से शॉट मारा कि गेंद जाकर सड़क की दूसरी तरफ गिरी।
उधर से गुजर रहे दो लोगों ने देखा तो वे गेंद को उठाकर उनके घर ले आया और कहा कि बड़ी बी यह लड़का एक दिन देश का बड़ा क्रिकेटर बनेगा और देश का नेतृत्व करेगा। उसकी इस दुआ से अज्जू के नाना और मौसी दोनों लोग बहुत खुश हुए। उस दिन के बाद से अज्जू के जीवन की दिशा बदल गई। अज्जू क्रिकेट के दीवाने हो गये और आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ने लगे।
इसके बाद अजहरुद्दीन लगातार खेल में फोकस करते रहे। उनके अब्बू मोहम्मद अज़ीज़ुद्दीन और घर के लोग भी उनको कभी क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। यहां तक कि वह जिस स्कूल में पढ़ते थे, वहां के टीचर और साथियों ने भी उनको हमेशा खेल में मदद करते रहे।
अज्जू के मामा आबिद जैन ने एक किस्सा बताया। उन्होंने कहा कि एक बार अजहरुद्दीन ने शारजाह में 300 रन बनाये थे। मामा ने ये बातें अपने दोस्तों से बताई तो उन्हें यकीन नहीं हुआ।