अफगानिस्तान के क्रिकेटर राशिद खान जब अंडर-19 मैच में खेल रहे थे तो एक ऐसा वाकया हुआ था जो उनके दिमाग में घर कर गया था। वह अपने साथी क्रिकेटर्स के साथ कैंप में थे तो जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। आधी रात का वक्त था। हर तरफ मलबा और धूल का गुबार था।
कैंप में पास की बिल्डिंग में धमाके से कांप गये थे
पढ़ाई के लिए पाकिस्तान गए तभी खुले तौर पर बाहर निकल सके
अंतिम समय में मां की भरपूर सेवा की
राशिद मां को जूस देकर ऊपर के कमरे में गए। थोड़ी ही देर में उनकी बहन की चीखने की आवाज आई। भागकर नीचे आए तो मां दुनिया से रुखसत हो चुकी थीं। राशिद को यकीन नहीं हो रहा था। मां की मौत के दो दिन बाद भी जब वह घर से जाने लगे तो छोटे भाई से कहा- मां का ख्याल रखना। अंतिम दिनों में वह अक्सर मां के पास ही रहते थे। देर रात तक उनकी सेवा में लगे रहते थे। कई बार ऐसा हुआ कि आधी रात बाद मां की नींद खुली तो देखा बेटा पांव दबा रहा है। मां पूछतीं- तुम अब तक सोए नहीं? राशिद कहते- बस, अब सो जाऊंगा।
मां की मौत से करीब डेढ़ साल पहले राशिद ने पिता को खोया था और पिता को वह अंतिम समय में देख भी नहीं पाए थे। वह आस्ट्रेलिया में मैच खेल रहे थे। वहीं खबर मिली की पिता की तबीयत खराब है। उन्होंने अपने भाई से कहा कि वीडियो कॉल कर ताकि उनका चेहरा देख सकूं। भाई ने बताया कि वह आईसीयू में हैं और एक घंटे के भीतर ही बुरी खबर आ गई।
राशिद के पिता गांव में थे। इस वजह से दोनों की मुलाकात को थोड़ा लंबा वक्त हो गया था। बीमारी और मौत की खबर आने से कुछ दिन पहले राशिद ने उनसे बात की थी और पूछा था कि आपको कैसे जूते चाहिए? यह बाप से बेटे का आखिरी सवाल साबित हुआ। राशिद ने एक पॉडकास्ट शो में अपनी जिंंदगी के ये भावुक कर देने वाले किस्से सुनाए थे।