Rashid Khan | Afghanistan | cricket Story |
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आज जहर भी ला दे तो पी लूंगी- जब राशिद खान से बोली थीं मां

अफगानिस्तान के क्रिकेटर राशिद खान जब अंडर-19 मैच में खेल रहे थे तो एक ऐसा वाकया हुआ था जो उनके द‍िमाग में घर कर गया था। वह अपने साथी क्र‍िकेटर्स के साथ कैंप में थे तो जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। आधी रात का वक्‍त था। हर तरफ मलबा और धूल का गुबार था।

कैंप में पास की बिल्डिंग में धमाके से कांप गये थे

राशिद को लगा कि जिस बिल्डिंग में वे लोग हैं, उस पर किसी ने हमला कर दिया और कुछ ही समय में कोई उनके कमरे में घुसेगा और सबको कत्‍ल कर चला जाएगा। राशिद ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और चुपचाप बैठ गए। रात के 1:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक सब ख‍िलाड़ी जमीन पर ही बैठे रह गए। हालांक‍ि, इस बीच किसी ने दरवाजे पर दस्तक देकर यह बता द‍िया था कि धमाका पास की दूसरी ब‍िल्‍ड‍िंंग में हुआ है। राशिद के द‍िमाग में यह घटना ऐसी घर कर गई क‍ि अफगान‍िस्‍तान में जब कभी ऐसी कोई घटना होती तो उन्‍हें उस रात का सब कुछ याद आने लगता।

पढ़ाई के ल‍िए पाक‍िस्‍तान गए तभी खुले तौर पर बाहर निकल सके

अफगानिस्तान में तो ज्‍यादातर समय वह अपने घर में बंद ही रहतेे थे। मां-बाप इस डर से घर से बाहर नहीं न‍िकलने देते थे क‍ि बेटा कहीं भी, कभी भी गोली का श‍िकार हो सकता है। राश‍िद जब पढ़ाई के ल‍िए पाक‍िस्‍तान गए तभी घर से बाहर खुले तौर पर घूमना-फ‍िरना शुरू क‍िया।

अंतिम समय में मां की भरपूर सेवा की

राश‍िद को मां से काफी लगाव था और अंत‍िम द‍िनों में उन्‍होंने उनकी खूब सेवा की थी। उनकी मां को कोराना हुआ था। कई चीजें खाने की मनाही थी। लेक‍िन, आख‍िरी द‍िन वह वही सब खाने की ज‍िद कर रही थीं जो उन्‍हें खाने के ल‍िए मना क‍िया गया था। राश‍िद ने कहा- जूस लाता हूं तो वह बोलीं- जहर भी ले आ, वो भी पी लूंगी।

रा‍श‍िद मां को जूस देकर ऊपर के कमरे में गए। थोड़ी ही देर में उनकी बहन की चीखने की आवाज आई। भागकर नीचे आए तो मां दुन‍िया से रुखसत हो चुकी थीं। राश‍िद को यकीन नहीं हो रहा था। मां की मौत के दो द‍िन बाद भी जब वह घर से जाने लगे तो छोटे भाई से कहा- मां का ख्‍याल रखना। अंत‍िम द‍िनों में वह अक्‍सर मां के पास ही रहते थे। देर रात तक उनकी सेवा में लगे रहते थे। कई बार ऐसा हुआ क‍ि आधी रात बाद मां की नींद खुली तो देखा बेटा पांव दबा रहा है। मां पूछतीं- तुम अब तक सोए नहीं? राश‍िद कहते- बस, अब सो जाऊंगा।

मां की मौत से करीब डेढ़ साल पहले राश‍िद ने पिता को खोया था और पिता को वह अंतिम समय में देख भी नहीं पाए थे। वह आस्ट्रेलिया में मैच खेल रहे थे। वहीं खबर म‍िली की प‍िता की तबीयत खराब है। उन्होंने अपने भाई से कहा क‍ि वीडियो कॉल कर ताकि उनका चेहरा देख सकूं। भाई ने बताया कि वह आईसीयू में हैं और एक घंटे के भीतर ही बुरी खबर आ गई।

राश‍िद के प‍िता गांव में थे। इस वजह से दोनों की मुलाकात को थोड़ा लंबा वक्‍त हो गया था। बीमारी और मौत की खबर आने से कुछ द‍िन पहले राश‍िद ने उनसे बात की थी और पूछा था क‍ि आपको कैसे जूते चाह‍िए? यह बाप से बेटे का आख‍िरी सवाल साब‍ित हुआ। राश‍िद ने एक पॉडकास्‍ट शो में अपनी जि‍ंंदगी के ये भावुक कर देने वाले क‍िस्‍से सुनाए थे।

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वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।