Advice of Kapil Dev and Sunil Gavaskar: टीम इंडिया के आज के दौर के क्रिकेटर और पुराने क्रिकेटरों में कोई समानता नहीं है, सिर्फ इस बात के दोनों जमाने के क्रिकेटर मैदान पर खेलते हैं। कई बार इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर कई बातें कही गई हैं। नये क्रिकेटर बेशक प्रतिभाशाली हैं, उनमें जोश है, लेकिन वे प्रोफेशनल भी हैं।
देश के सीनियर क्रिकेटरों को लगता है कि उनको किसी की सलाह की जरूरत नहीं है, वे खुद सक्षम हैं। इसको लेकर सभी की अलग-अलग राय हो सकती है, लेकिन पुराने समय के कई क्रिकेटर्स जिनको रिटायर हुए वर्षों हो चुके हैं और अब वे या तो कभी कमेंटेटर के रूप में या फिर कभी किसी समारोह में दिखाई पड़ते हैं, वे आज के दौर के खिलाड़ियों से बहुत खुश नहीं हैं।
Advice of Kapil Dev and Sunil Gavaskar: आज के दौर के खिलाड़ियों को सलाह की जरूरत नहीं है
1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे कपिल देव कहते हैं कि आज के खिलाड़ी पुराने सीनियर खिलाड़ियों से सलाह नहीं लेते हैं। उनको लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। जबकि सच यह है कि वे बहुत कुछ नहीं जानते हैं। अनुभव का अपना महत्व होता है। देश के वरिष्ठतम क्रिकेटरों में शुमार रहे सुनील गावस्कर कहते हैं कि आज के खिलाड़ी खेल के तकनीकी पहलुओं पर मदद मांगने कभी उनके पास नहीं आए।
कपिल देव ने दी वीक को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जब कभी बहुत पैसा आता है तो अहंकार भी आ जाता है। इन क्रिकेटरों को लगता है कि उन्हें किसी से पूछने की जरूरत नहीं है।
कपिल देव कहते हैं कि यही अंतर है। जब सुनील गावस्कर हैं तो आप बात क्यों नहीं कर सकते हैं। अहंकार कहां है। उन्हें लगता है कि हम काफी अच्छे हैं।
सुनील गावस्कर कहते हैं कि वर्तमान भारतीय क्रिकेटर शायद ही कभी उनके पास आए हों, जबकि राहुल द्रविण, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण नियमित रूप से उनके पास आते थे, और वे एक विशिष्ट समस्या के साथ मेरे पास आते थे। और आप उन्हें कुछ बता सकते थे, जो आपने देखा था।
गावस्कर कहते हैं कि उनके पास इस बारे में कोई अहंकार नहीं है, वे उन खिलाड़ियों के पास जा सकते थे, कुछ बता सकते थे, लेकिन अब टीम में दो कोच हैं राहुल द्रविड़ और विक्रम राठौर, इसलिए वे पीछे हट जाते हैं। आप उन्हें बहुत जानकारी के साथ भ्रमित नहीं करना चाहेंगे।