1996 World Cup Quarter Final Match: के विश्व कप मैच में क्वार्टर फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमें मैदान में थीं। अजहरूद्दीन भारतीय टीम के कप्तान थे। मैच कई मायनों में खास था। पहला तो यही कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच था। भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मैच होता है तो वह विश्व कप जितना ही रोमांचकारी होता है। इसलिए यह तय था कि उस मैच में जो भी जीतेगा या हारेगा, वह खुद को विश्व कप जीत के बराबर ही समझेगा।
1996 World Cup Quarter Final Match: टीम के खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने कहा कि मैच में जबर्दस्त दबाव था
चेन्नई का चिन्नास्वामी स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा था। इस मैदान पर टॉस जीतकर भारत ने पहले बैटिंग की और 287 रन बनाये। नवजोत सिंह सिद्धू ने 93 रन बनाये थे। जवाब में पाकिस्तान 248 रन ही बना सका और भारत 39 रन से यह मैच जीत लिया।
इस मैच के बारे में बताते हुए टीम के खिलाड़ी संजय मांजरेकर और वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि उस दिन मैच में जबर्दस्त दबाव था। सबसे ज्यादा दबाव पास का था। हर कोई मैच का पास मांग रहा था, चाहे वह होटल का वेटर हो या फिर अन्य कोई, सबको पास चाहिए। वह भी एक नहीं, सभी को चार-पांच पास चाहिए था। उस मैच में गेम चेंजर अजय जडेजा थे। संजय मांजरेकर बोले कि अगर आज की तारीख में यह मैच होता तो मैन ऑफ द मैच अजय जडेजा होते।
मैच का सबसे चर्चित किस्सा पाकिस्तान के कप्तान आमेर सोहेल का भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को चिढ़ाने का था। पाकिस्तानी स्कीपर की यह हरकत उनके ओवरकांफिडेंस को दिखाता था। इसकी वजह से पाकिस्तान इंडिया से हार भी गया। आमेर सोहेल साजिशन वेंकटेश से पंगा ले रहे थे।
आमेर सोहेल मैच में दबाव बढ़ने पर बुरी तरह से परेशान थे। उन्होंने वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर कवर्स की तरफ चौका मारा और फिर फिर प्रसाद की तरफ अपना बल्ला और उंगली दिखाकर बाउंड्री की तरफ इशारा किया।
सोहेल ने कहा कि मैं आपकी अगली गेंद को भी बाउंड्री भेजूंगा। इसके बाद आमेर सोहेल को ईंट का जवाब पत्थर से मिला। अगली गेंद पर ही वेंकटेश ने सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया था।