एशेज सीरीज (Ashes) का अभी पहला ही टेस्ट समाप्त हुआ है और दोनों तरफ से बयानबाजी चालू हो गई है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने पहला टेस्ट 2 विकेट से जीतकर सीरीज में 1–0 को बढ़त बना ली है। अभी दूसरा टेस्ट शुरू होने में एक हफ्ते का समय है। लेकिन इस बीच दोनों ही टीमों की तरफ से वार पलटवार का सिलसिला जारी है।
इस बयानबाजी की शुरुआत इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिंसन (Ollie Robbinson) ने की थी। जब रॉबिंसन ने ख्वाजा (Usman Khawaja) को आउट करने के बाद उनको गालियां दी थी और प्रेस कॉन्फ्रेंस में रॉबिंसन ने कहा था कि मैंने जो किया मुझे उस पर कोई पछतावा नहीं है। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन रॉबिंसन ने सीमा रेखा को पार कर दिया था और कहा था कि हमनें रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) और बाकी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भी ये सब करते देखा है।
इस बयान की ही देरी थी फिर क्या था ऑस्ट्रेलिया के कुछ पुराने खिलाड़ी अपने अंदाज में आ गए और रॉबिंसन को आड़े हाथों ले लिया। पॉन्टिंग ने आईसीसी (ICC) के पॉडकास्ट में रिव्यू करते समय पलटवार करते हुए कहा कि अगर 15 साल पहले क्या हुआ था इस बारे में सोचोगे तो तुमने जैसी गेंदबाजी की है वैसी ही गेंदबाजी करोगे। उन्होंने कहा कि वो धीरे सीखने वाला खिलाड़ी है उसे जल्द ही पता चल जायेगा कि एशेज में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ बोलना क्या होता है।
ये मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इंग्लैंड के बल्लेबाज ने एक नया बयान दे दिया है। इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉले (Zak Crawley) ने कहा कि लॉर्ड्स (Lord’s) टेस्ट हम जीत रहे है। वहां की पिच हमें मदद करेगी। हम लगभग 150 रनों से वो मैच जीत रहे है। हमें लॉर्ड्स टेस्ट न खेलकर सीधे हेडिंग्ले टेस्ट मैच खेलना चाहिए। क्योंकि अब इस मैच को खेलने का कोई मतलब नहीं बनता है। वहां पर जो फ्री समय मिलेगा उसमें हम रॉबिंसन पर चर्चा कर सकेंगे।
अब ये देखना दिलचस्प हो जायेगा कि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इस बयान पर क्या जवाब आएगा। हालांकि अभी तक ऑस्ट्रेलिया के किसी वर्तमान खिलाड़ी ने कोई बयान नहीं दिया है जो थोड़ा अटपटा सा है क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गेंद और बल्ले के साथ साथ मुंह से जवाब देने में कभी पीछे नहीं हटते है।