भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के टाइटल के पास पहुंचकर भी उसे जीत पाने से चूक गई। यह एक ऐसा झटका है जो क्रिकेट के चाहने वालों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया पहली बार पहुंचा और जीत गया। इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम पहली बार में ही इस टाइटल को जीत गई थी, लेकिन भारतीय टीम दो बार ऐसा मौका पाई और मैच हार गई। इसका दुख काफी समय तक कचोटता रहेगा।
टीम इंडिया के कप्तान भले ही यह बात कहें कि शुभमन गिल को गलत तरीके से आउट देना हार की कई वजहों में से एक है, लेकिन तरीका गलत था या सही, वह रिकॉर्ड बुक में नहीं लिखा जाएगा। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के इतिहास को जब पढ़ा जाएगा तो यही कहा जाएगा कि इस चैंपियनशिप का पहला सीजन न्यूजीलैंड ने जीता और दूसरा ऑस्ट्रेलिया ने जीता।
क्यों जीता और कैसे जीता के बजाए उसमें यह भी रहेगा कि दोनों सीजन में हार टीम इंडिया की ही हुई। इसलिए यह बहस अब बेमानी हो चुकी है कि शुभमन गिल को गलत तरीके से आउट दिया गया। मुद्दा अगर यही था तो उसको उसी समय प्रोटेस्ट करनी चाहिए थी।
कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में शुभमन गिल को लेकर आईसीसी की व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि फाइनल मैच में जूम या अल्ट्रा मोशन या कोई जूम एंगल ही क्यों है। जब भारत में आईपीएल चल रहे थे तब कैच को देखने के लिए 10 अलग-अलग तरह के एंगल हैं। उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि तीसरे अंपायर को और रिप्ले देखना चाहिए था। कैच को लेकर बहुत जल्द फैसला करना भी सवालों के घेरे में है।
रोहित शर्मा की यह बात सही है कि जब इतना बड़ा मुकाबला हो रहा हो और वो भी फाइनल तो कैमरा एंगल और अधिक होने चाहिए थे। इससे कहीं छोटा टूर्नामेंट आईपीएल में 10 से ज्यादा कैमरा एंगल होते हैं, लेकिन आईसीसी इवेंट में नहीं। उन्होंने कहा कि सीरीज जीतने से ज्यादा अहम चैंपियनशिप जीतना है और वह बहुत निराश हैं। हार के लिए उन्होंने टीम के बैट्समैनों के खराब शाट्स को भी जिम्मेदार ठहराया।