भारत (India) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच डबल्यूटीसी का फाइनल (WTC Final) मैच दोनों ही टीमों के लिए बहुत अहम हैं। जो भी टीम इस मैच को जीतेगी वो टेस्ट की चैंपियन कहलाएगी और उसकी पिछले 2 साल की मेहनत सफल होगी। दोनों ही टीमों की साख दांव पर लगी हुई है। इस मैच में पिच और परिस्थितियों को देखते हुए भारत के कप्तान रोहित शर्मा (Indian Captain Rohit Sharma) ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन में भी एक बड़ा फेरबदल किया। भारत ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को बाहर बैठाकर एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को मौका दिया।
ऑस्ट्रेलिया के पहाड़ जैसे लक्ष्य और ऑस्ट्रेलिया की कसी हुई गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाज पानी मांगते हुए नजर आए। भारत के टॉप 4 बल्लेबाज 71 रनों पर ही पवेलियन लौट गए थे। लेकिन जडेजा (Jadeja) और रहाणे (Rahane) ने पांचवे विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी करके स्कोर को 150 के करीब ला दिया। लेकिन लियोन की गेंद पर जडेजा स्लिप में कैच दे बैठें। दिन का खेल समाप्त होने तक भारत के 5 विकेट 151 के स्कोर पर गिर चुके थे। रहाणे (Rahane) 29 और भरत (Bharat) 5 रन बनाकर नाबाद खेल रहे थे। भारत का टॉप 4 का कोई भी बल्लेबाज 20 रन भी नहीं बना सका।
भारत के बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय कप्तान सवालों के घेरे में आ चुके है। लोग भारतीय कप्तान के बड़े मैचों में खराब प्रदर्शन को लेकर आलोचना कर रहे है। बता दें कि रोहित शर्मा ने अभी तक आईसीसी टूर्नामेंट के 6 फाइनल खेले है। जिसमें उनका प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं है। रोहित ने 2007 के टी 20 वर्ल्ड कप में 13 गेंदों में 30 रन, 2013 के चैंपियंस ट्राफी जिला में 14 गेंदों में 9 रन, 2014 के टी 20 वर्ल्ड कप में 26 गेंदों में 25 रन, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में 0 रन, 2021 के डबल्यू टी सी फाइनल में 30 और 34 रन और डबल्यू टी सी फाइनल 2023 की पहली पारी में मात्र 15 रनों का योगदान दिया है। रोहित ने 7 पारियों में सिर्फ 143 बनाए है।
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं रही और ख्वाजा (Khwaja) बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। एक समय लंच के ठीक बाद ऑस्ट्रेलिया के 76 रनों पर 3 विकेट गिर गए थे लेकिन स्मिथ (Smith) और हेड (Head) ने चौथे विकेट के लिए 285 रनों की साझेदारी कर डाली और ऑस्ट्रेलिया को एक विशाल स्कोर बनाने की तरफ अग्रसर कर दिया। दूसरे दिन भारत के गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की और भारत को मैच में वापसी कराने की कोशिश की लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन बोर्ड पर टांग दिए।