वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 में भारत जिस तरह हारा है, उसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। क्या यह वही भारतीय टीम है, जिसे दुनिया के टॉप टीम कही जाती है। क्या वही खिलाड़ी हैं, जिनको माना जाता है कि ये किसी भी टीम को चुनौती देने में सक्षम हैं। टीम का हारना कोई असामान्य बात नहीं है, जब दो टीम खेलेंगी तो एक जीतेगी और एक हारेगी। यह तय है, लेकिन जिस तरह भारतीय शेरों ने हार मानी है वह क्रिकेट प्रशंसकों को पच नहीं रही है। टीम के खिलाड़ी खेल के किसी भी मोमेंट पर संघर्ष करते हुए नहीं दिखे। इससे आलोचना होना लाजिमी है। हारना और लड़कर सम्मानजनक ढंग से हारना दोनों में काफी अंतर है।
ऑस्ट्रेलिया से 209 रन की पराजय को लेकर पूर्व भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह ने भारतीय टीम के मैनेजमेंट की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को इंग्लैंड और पहले पहुंचना चाहिए था। टीम पूरी तरह से खेलने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाई।
हरभजन सिंह ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मैच के लिए भारत की तुलना में अपनी तैयारी पहले से ही शुरू कर दी थी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल से अपना नाम तक वापस ले लिया था, जिसमें कप्तान पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे स्टार खिलाड़ी शामिल हैं।
दूसरी तरफ आईपीएल में अपनी प्रतिबद्धताओं की वजह से कई भारतीय खिलाड़ी इस मैच के लिए देर से इंग्लैंड पहुंचे थे जिसमें शुभमन गिल और रविंद्र जडेजा भी थो जो फाइनल के बाद आए थे। देर से पहुंचना टीम इंडिया को भारी पड़ गया।
पिच पर घास होने के बाद भी टीम इंडिया के गेंदबाज प्रभावशाली आक्रामकता नहीं दिखा पाये। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला बेशक सही लिया गया था, लेकिन हेड और स्टीव स्मिथ के आसानी से रन बनाने के चलते टीम इंडिया को कोई फायदा नहीं मिला।
बहरहाल क्या हुआ इस पर सोचने के बजाए अब यह सबक लेने और सोचने की जरूरत है कि अगले महीने से वेस्टइंडीज के खिलाफ होने जा रहे टेस्ट मैचों के लिए हम अपनी तैयारी पुख्ता रखें। जो गलतियां अभी हुई हैं, वह न दिखाई दें।