MS Dhoni and Suresh Raina | Suresh Raina । MS Dhoni
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Suresh Raina on MS Dhoni: सुरेश रैना ने बताए धोनी से जुड़े कई किस्से, जानकर हंसी रोक नहीं पाएंगे

Suresh Raina on MS Dhoni: टीम इंडिया के जांबाज खिलाड़ी सुरेश रैना (Suresh Raina) आईपीएल मैच के दौरान गुजरात लायंस और चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी कर चुके हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना एक बेहतर खिलाड़ी होने के साथ-साथ बेहतर इंसान भी हैं। महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ पुणे पिच पर खेलना और पेज पर जमे रहना बहुत ज्यादा पसंद है जिसके चलते उन्होंने एम एस धोनी के कहने पर आईपीएल की कई सारी फ्रेंचाइजी टीमों की कप्तानी का ऑफर ठुकरा दिया था। ऐसा उन्होंने खुद इंटरव्यू के दौरान बताया। धोनी के साथ सुरेश रैना को सीएसके में बराबर का सम्मान मिला। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया कि बहुत सारी टीम ऐसी थी जो मुझे कप्तान के तौर पर देखना चाहती थी लेकिन मुझे कप्तान बनने की कोई चाहत नहीं है।

धोनी ने मुझे हमेशा सम्मान दिया- रैना

उन्होंने बताया कि मैं सिर्फ सम्मान के साथ खेलना चाहता हूं, बहुत सारी टीम के ऑफर उन्होंने सिर्फ धोनी की एक बात सुनने के बाद ही ठुकरा दिए। सुरेश रैना ने बताया कि मुझे तो लगता था कि सिर्फ मैं टीम का एक खिलाड़ी हूं परंतु जब धोनी ने मुझे कहा कि तुम मेरे दोस्त हो अगर मैं कप्तान हूं तो तुम वाईस कप्तान हो। यह सुनकर मुझे बहुत गर्व का अनुभव हुआ और बहुत सम्मान की बात लगी।

ऐसे में अगर मैं किसी टीम की कप्तानी संभालने की बात करता तो यह धोनी भाई के लिए अपमानजनक बात होती। कप्तान के रूप में टीम के साथ चलना एक बहुत बड़ी भूमिका होती है जिसे शायद मैं नहीं निभा पाता क्योंकि जब मुझे वेस्टइंडीज के दौरे के समय टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था उस वक्त मैं पूरी रात सो नहीं पाया था क्योंकि मेरा पूरा फोकस सिर्फ 3 सिलेक्शन के लिए था।

‘कप्तान बनने की चाहत कभी नहीं रही’

टीम इंडिया हो या फिर कोई भी मत मैं सिर्फ अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ खेलना चाहता हूं ना कि कप्तान या प्लेयर बनकर। सुरेश रैना ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैं भले ही एक टीम का प्लेयर रहा हूं लेकिन टीम की मुश्किलों को हमेशा खत्म करने का काम मैंने किया है। क्योंकि मुझे हमेशा से ऐसा ही लगता था कि कप्तान बनने से जो आपके दोस्त होते हैं उन्हें दुश्मन में बदलते देर नहीं लगती है।

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आखिर में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि मैं सभी खिलाड़ियों की इज्जत करता हूं और अपना बेहतर देने की पूरी कोशिश करता हूं। कप्तान बनना मेरा सपना नहीं बल्कि एक बेहतर खिलाड़ी बनकर अपनी टीम में महत्वपूर्ण योगदान देना मेरा सबसे बड़ा सपना है और फर्ज भी।