Ashएशेज (Ashes) सीरीज का दूसरा टेस्ट खत्म होते होते माहौल अपने आप गरमाने लगा। यह एशेज बिना गाली गलोच और विवाद के शांतिपूर्वक चल रही थी। लेकिन जैसे ही ऑस्ट्रेलिया (Australia) के विकेटकीपर एलेक्स कैरी (Alex Carey) ने जॉनी बेयरस्टो (Johnny Bairstow) को स्टंप आउट किया पूरा नजारा ही बदल गया। क्या खिलाड़ी, क्या दर्शक और क्या लॉर्ड्स ग्राउंड के मेंबर्स सब आग बबूला होने लगे।
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरा टेस्ट मैच 43 रनों से जीतकर सीरीज में 2–0 की बढ़त बना ली है। मैच खत्म होने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ी, कोच और इंग्लैंड के लोग खेल भावना की बात करने लगे और इसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी खेल भावना को बनाए रखने की बात की तो लोगों ने स्टुअर्ट ब्रॉड को उनकी खेल भावना याद दिला दी कि कैसे साल 2013 में एशेज सीरीज के दौरान ही उन्होंने खेल भावना का प्रदर्शन किया था।
साल 2013 की एशेज सीरीज का पहला मैच नॉटिंघम में खेला जा रहा था। इंग्लैंड की दूसरी पारी के 118 वें ओवर की आखिरी गेंद थी। ब्रॉड ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर एश्टन अगर (Ashton Agar) की गेंद को कट करने का प्रयास करते है लेकिन गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए स्लिप में चली जाती है जहां कप्तान माइकल क्लार्क (Michael Clarke) कैच पकड़ लेते है।
ऑस्ट्रेलिया की अपील के बावजूद अंपायर ने आउट नहीं दिया। बल्ले का किनारा लगने के बावजूद ब्रॉड ने क्रीज नहीं छोड़ी। तब ब्रॉड 33 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्होंने उस मैच में 65 रन बनाए। जो उस मैच में जीत और हार का अंतर साबित हुए। इंग्लैंड ने उस मैच में 14 रनों से जीत दर्ज की थी।
स्टुअर्ट ब्रॉड ने तब कहा था कि “ये सब चीजें नहीं याद रखी जाती है बल्कि ये याद किया जाता है कि किसने एशेज सीरीज जीती है। हमारी मानसिकता हर हाल में जीत दर्ज करने की है। मेरा मानना है की हमारी टीम इस समय विश्व में सबसे ज्यादा नापसंद करने वाली टीम है। टीमें हमारे खिलाफ नहीं खेलना चाहती है और यहीं मैं चाहता हूं।”