इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 शुरू होने की तारीखें जैसे-जैसे करीब आ रही हैं, दर्शकों को अपनी चहेती टीमों और खिलाड़ियों को लेकर उत्साह बढ़ता जा रहा है। प्रशंसक अपने खिलाड़ियों और अपनी टीमों को मैदान पर विपक्षियों के खिलाफ कहर ढाने और खेल में रोमांच पैदा करने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
मानसिक और शारीरिक दबाव से बचाने पर रहेगा जोर
इस बीच बीसीसीआई और फ्रैचाइजी टीमों के मालिक अपने खिलाड़ियों पर किसी भी तरह के मानसिक और शारीरिक दबाव से बचाने की कवायद मे जुट गये हैं। बीसीसीआई चाहती है कि इस साल विश्व कप समेत कई बड़े टूर्नामेंट होने हैं। ऐसे में खिलाड़ियों के चोटिल होने, थकने या बीमार पड़ने से हर हाल में बचाना है।
फिजियोथेरपिस्ट, स्ट्रेंथ एंड कंडीशननिंग कोच ने प्रेशर न डालने को कहा
बीसीसीआई के लिए खिलाड़ियों का फिटनेस सर्वोच्च प्राथमिकता है। नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में फिजियोथेरपिस्ट नितिन पटेल और टीम इंडिया के स्ट्रेंथ एंड कंडीशननिंग कोच सोहम देसाई ने इसको लेकर सभी फ्रेंचाइजी के ट्रेनर्स के साथ मीटिंग की है।
इस दौरान इनसे कहा गया है कि विश्व कप के लिए शार्ट लिस्ट किए गये बॉलरों पर किसी भी तरह का प्रेशर नहीं पड़ना चाहिए। इनको नेट्स पर भी ज्यादा न भेजा जाए।
टीम इंडिया के 12 गेंदबाजों पर होगी खास नजर
इनसे कहा गया है कि सभी बॉलरों को मैदान में बहुत ही कड़े देखरेख में रखा जाए। बहुत मेहनत नहीं करानी है। स्ट्रेंथनिंग और ट्रेनिंग पर विशेष तौर पर नजर रखें। जिन गेंदबाजों को नेट पर ज्यादा अभ्यास करने से मना किया गया है, उनमें राजस्थान रॉयल्स के आर. अश्विन युजवेंद्र चहल, सनराइजर्स हैदराबाद के भुवनेश्वर कुमार, उमरान मलिक, वाशिंगटन सुंदर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के मोहम्मद सिराज, गुजरात टाइटंस के मोहम्मद शमी, कोलकाता नाइट राइडर्स के शार्दुल ठाकुर, उमेश यादव, चेन्नई सुपर किंग्स के दीपक चाहर, दिल्ली कैपिटल्स के कुलदीप यादव और अक्षर पटेल शामिल हैं।