चैंपियन बनना आसान हो सकता है, पर बने रहना बेहद मुश्किल है। क्रिकेट के मस्ती भरे टूर्नामेंट आईपीएल ने भी इस बात को साबित किया है। 2023 में आईपीएल का सोलहवां सीजन चल रहा है। 15 सालों में सिर्फ दो बार ऐसा हुआ जब कोई टीम लगातार दो बार विजेता बनी। 2011 में चेन्नई सुपर किंग (सीएसके टीम)और 2020 में मुंबई इंडियंंस (एमआई) ही ऐसा कर सकी।
IPL में तेजी से बनाए जा रहे हैं रन
आईपीएल ने क्रिकेट की दुनिया में कई और ट्रेंड भी कायम किए। ऐसा ही एक ट्रेंड तेजी से रन बनाने का भी रहा। आईपीएल को फटाफट क्रिकेट भी कहा जाता है। 20 ओवर के खेल में फर्स्ट इनिंग में रन रेट एवरेज का आंकड़ा भी यही दिखाता है।
प्रति ओवर रन रेट आठ से ऊपर रहने लगा है
आईपीएल के शुरुआती छह सीजंस में से केवल दो बार ही पहली पारी में बने रन का एवरेज प्रति ओवर 8 से ऊपर गया। लेकिन, उसके बाद के 9 सीजंस में से केवल एक बार ऐसा हुआ कि यह आंकड़ा 8 से नीचे रहा। 2018 में प्रति ओवर रन का औसत सर्वाधिक 8.71 था, जबकि 2022 में इससे थोड़ा कम 8.62 रहा।
टीमें पहले बल्लेबाजी नहीं करने का विकल्प अपना रही हैं
आईपीएल में एक और ट्रेंड टॉस को लेकर कप्तान के फैसलों से जुड़ा देखने को मिलता है। पिछले 15 सालों में कैप्टन के टॉस को लेकर निर्णय का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि आईपीएल के शुरुआती सीजन में टीमें पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती थीं। 2010 में सबसे ज्यादा 5% कप्तानों ने पहले बल्लेबाजी का विकल्प चुना था। लेकिन, 2016 से यह ट्रेंंड बदलता दिखा।
जीत के बारे में ट्रेंड का विश्लेषण किया जाए तो यह पता चलता है कि शुरुआती सीजन में ज्यादा विकेट लेने वाली टीम ही जीता करती थी। जीत में यह एक अहम फैक्टर होता था। 2008 के आईपीएल में विजेता राजस्थान रॉयल्स एकमात्र टीम थी जिसके खिलाड़ियों ने 22.04 के ओवरऑल बोलिंंग एवरेज के साथ 100 विकेट लिए थे। यह ट्रेंड 2009 में भी जारी रहा, जब डक्कन चार्जर्स के खिलाड़ियों ने 110 विकेट 21.7 के बोलिंंग एवरेज के साथ लिया।
सच कहा जाए तो 2011 इकलौता साल रहा जब सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली टीम टूर्नामेंट जीतने में सफल नहीं रही। मुंबई इंडियंस ने 103 विकेट लिए थे, जबकि विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने 91।
2016 में सनराइजर्स हैदराबाद ने सबसे ज्यादा विकेट लेकर जीत हासिल की थी। हाल के वर्षों में यह ट्रेंड बदला और बैटिंग में कमाल करने वाली टीम विजेता बनने लगी। पिछले 4 सीजंस की विजेता टीमें 30 रन प्रति विकेट के औसत से ज्यादा बैटिंग करने वाली रही हैं। 2023 के आईपीएल में यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कौन सा ट्रेंंड बरकरार रहता है और कौन सा नया ट्रेंड बनता है।