Uma Chetry । Indian women cricket team
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India Vs Bangladesh: इंडिया को मिली नई धाकड़ विकेटकीपर, माता-पिता हैं मजदूर, भाई चलाता है रिक्शा

India Vs Bangladesh: इंडियन क्रिकेट टीम बांग्लादेश के दौरे पर जाने वाली है। इंडिया और बांग्लादेश के बीच वनडे और टी20 सीरीज खेला जाएगा। बांग्लादेश दौरे के लिए भारती टीम की घोषणा हो चुकी है जिसमें बड़ा उलटफेर देखने को मिला। बेहतरीन विकेटकीपर ऋचा घोष (Richa Ghosh) को इस बार टीम इंडिया में जगह नहीं मिली हैं। ऋचा की जगह असम की रहने वाली विकेटकीपर उमा छेत्री (Uma Chetry) टीम में खेलेंगी। उमा महज 21 साल की हैं और अपनी बल्लेबाज़ी से सभी को प्रभावित किया है। उमा असम की पहली ऐसी महिला क्रिकेटर हैं जो टीम इंडिया के लिए सिलेक्ट हुई हैं। काफी परेशानियों का सामना करने के बाद उमा इस मुकाम तक पहुंची हैं।

बहुत गरीब परिवार से हैं उमा

आपको जानकार हैरानी होगी कि एक वक्त ऐसा था जब उमा अपने पैरेंट्स की हेल्प करने के खातिर खेतों में दिहाड़ी मजदूरी की थी। क्रिकेट से इतना प्यार था कि खेलने के लिए 10th के बाद पढ़ाई कंटीन्यू नहीं की और सिर्फ अपने खेल पर ही फोकस किया। अब उनकी मेहनत रंग लाई और बेहद कम उम्र में ही इंडिया के लिए खेलने का सपना पूरा हो गया।

इमर्जिंग एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन

दरअसल हाल ही में अंडर-23 इमर्जिंग एशिया कप टीम इंडिया-A ने अपने नाम किया था, उमा उस टीम की हिस्सा थीं। इस टूर्नामेंट में उमा ने शानदार बल्लेबाजी की थीं जिसकी वजह से वो आज इंडियन टीम में चुनी गईं हैं।

अपने टैलेंट की वजह से ही ऋचा घोष जैसी बेहतरीन प्लेयर को रिप्लेस किया है। उमा से सेलेक्टर्स को काफी उम्मीद हैं कि वो बांग्लादेश के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेंगी। 

इमर्जिंग एशिया कप के फाइनल में उमा ने बांग्लादेश के खिलाफ बैटिंग करते हुए 20 गेंदों का सामना करते हुए 22 रन बनाए थे। टूर्नामेंट में ऑफ स्पिनर श्रेयंका पाटिल ने कई विकेट झटके लेकिन इसमें विकेट के पीछे मौजूद उमा की भी बड़ा योगदान था।

उमा के माता-पिता हैं मजदूर, भाई रिक्शा चालक

उमा असम के छोटे से कस्बे बोकाखात की रहने वाली हैं। बोकाखात काजीगरंगा नेशनल पार्क के पास एक कस्बा है। शुरू से ही परिवार आर्थिक तंगी से बेहाल था। 

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उमा के माता-पिता किसी तरह दूसरों के खेतों पर दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहे थे। पेरेंट्स की मदद करने के लिए और खाने के लिए कुछ पैसे जोड़ने के इरादे से वो खुद भी दिहाड़ी मजदूरी करती थीं। उमा का भाई भी है जो एक रिक्शा चालक है। वो पाई-पाई जोड़ता है ताकि उसकी बहन उमा क्रिकेटर बनने का सपना पूरा कर सके।