Slow Batter of Team India: जब मनोज प्रभाकर की Slow Batting से भारत मैच हार गया, 102 रन बनाने के बाद भी उन्हें क्यों Slower कहा गया
Slow Batter of Team India: बात अक्टूबर 1994 की है। भारत कानपुर में वेस्टइंडीज के साथ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहा था। इस मैच के बारे में कहा जाता है कि मनोज प्रभाकर और नयन मोंगिया ने बहुत धीमी बल्लेबाजी की। उस दिन मनोज प्रभाकर ने 102 रन बनाए थे, लेकिन अंतिम ओवरों में वे पता नहीं क्यों कोई रन नहीं बना रहे थे। बहुत धीमी बल्लेबाजी की। इसकी वजह से भारत मैच हार गया। हालांकि मनोज प्रभाकर इसको नहीं मानते हैं। इंडिया टीवी पर एक इंटरव्यू में मनोज प्रभाकर ने रजत शर्मा के साथ बातचीत में कहा कि उन पर इस तरह के आरोप सही नहीं है। वह धीमी बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी नहीं हैं।
Manoj Prabhakar Slow Batter of Team India: टीम मैनेजमेंट ने कहा पचास ओवर तक मैच खेलो
उन्होंने बताया कि उस दिन मैच में वह मैदान में बल्लेबाजी कर रहे थे, जब नयन मोंगिया खेलने आए तो मैदान पर मनोज ने उनसे पूछा कि इंस्ट्रक्शंस (निर्देश) क्या हैं? नयन मोंगिया ने कहा कि कोई निर्देश नहीं है, बस इतना कहा गया है कि पचास ओवर तक मैच खेलो।
उस समय भारत को नौ ओवर में 63 रनों की जरूरत थी। मनोज का कहना है कि जब वे पहली बाल पर सिंगल लिये तो नयन मोंगिया ने बाकी के पांच बाल छोड़ दिये कोई रन ही नहीं लिये।
मनोज ने रजत शर्मा से पूछा कि इसमें मेरी कहां गलती है। उन्होंने कहा कि सात ओवर में वे सिर्फ 15 या 16 गेंदों का सामना किए। इसमें कुल 10-11 रन बनाए। इसको लेकर बाद में टीम मैनेजर और कोच अजित वाडेकर ने एक बयान दिया कि मनोज प्रभाकर और नयन मोंगिया दोनों ने कानपुर के मैच में अंतिम ओवरों में जिस तरह का मैच खेला, उसे मैं पसंद नहीं करता हूं। मैंने तय किया है कि अगले मैचों में उन्हें नहीं खिलाया जाए। मनोज प्रभाकर ने कहा कि अगर उनको ऐसा लग रहा था तो उन्होंने मैच के दौरान इंस्ट्रक्शन क्यों नहीं भेजे।
बहरहाल उस समय मनोज प्रभाकर और नयन मोंगिया को टीम से बाहर कर दिया गया। इससे पहले मनोज ने कई बार बहुत अच्छी पारी खेली थी। उन्होंने 1984 में श्रीलंका के खिलाफ 10 ओवर में उन्होंने तीन मेडेन फेंके। इस दौरान उन्होंने 16 रन देकर दो विकेट भी लिये थे।