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सहवाग ने सचिन के क्रिकेट ज्ञान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के बारे में सचिन का जो ज्ञान था, वह एकदम अलग ही था। वह बॉलर के बाल फेंकने से पहले ही बता देते थे कि किस तरह की गेंद फेंकने वाला है। और ठीक वैसी ही गेंद सामने आती थी। वह बताते थे कि अब गेंद तुम्हारे पैड को हिट करेगी और सच में वैसी ही गेंद आती थी। यह अलग बात है कि मेरा बल्ला बीच में आ जाता था। क्रिकेट के बारे में जो उनका ज्ञान था वह सबसे अलग था।
सहवाग ने यह भी बताया कि कभी-कभी तेंदुलकर इस बात को लेकर निराश भी हो जाते थे कि बैटिंग और क्रिकेट को लेकर जिस तरह से वह सोचते हैं, दूसरे उस तरह से नहीं सोचते हैं। उन्हें लगता था कि दूसरे भी उसी तरह बैटिंग करें जैसा वह खुद करते हैं। यह संभव नहीं था। जैसे मैं चौका-छक्का मार सकता हूं तो यह जरूरी नहीं कि बाकी भी ऐसा कर सकें। उनका जो तरीका था वह सिर्फ वही कर सकते हैं, मैं नहीं कर सकता। कभी-कभी वह इस बात पर गुस्सा भी हो जाते थे कि बाकी खिलाड़ी भी उन्हीं की तरह बैटिंंग क्यों नहीं करते।