Anil Kumble-Virat Kohli Fight: विराट और कुंबले विवाद पर इन दो दिग्गजों ने किया बड़ा खुलासा, जानिए Virat ने किसको हेड कोच का ऑफर दिया था
Anil Kumble-Virat Kohli Fight: विराट कोहली-अनिल कुंबले विवाद पर भारतीय टीम के दो बड़े दिग्गजों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। जी हां क्रिकेट जगत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने इस मामले में एक टीवी इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कई खुलासे किए। सहवाग ने इस विवाद पर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि पूर्व भारतीय हेड कोच अनिल कुंबले के साथ विवाद के बाद कोहली ने इस पद के लिए उन्हें कॉन्टेक्ट किया था।
Anil Kumble-Virat Kohli Fight: BCCI और Virat ने मुझे हेड कोच पद के लिए कॉन्टेक्ट किया- वीरेंद्र सहवाग
सहवाग ने बातचीत में कहा, ‘मैं हेड कोच पद के लिए आवेदन नहीं करता अगर विराट कोहली और तत्कालीन बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी मुझसे संपर्क नहीं करते।’ चौधरी ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने के बाद अनिल कुंबले जी का अनुबंध समाप्त हो जाएगा जिसके बाद आप टीम इंडिया के साथ वेस्टइंडीज के दौरे पर जा सकते हैं।’
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जून 2016 में अनिल कुंबले को भारतीय टीम के हेड कोच के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कॉन्ट्रेक्ट 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद खत्म हो गया। कुंबले ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सहवाग ने कहा कि तत्कालीन बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने उनसे कहा कि फिलहाल विराट कोहली और अनिल कुंबले जी के बीच कुछ चीजें सही नहीं हो रही हैं इसीलिए बोर्ड चाहता है कि वो इसकी जिम्मेदारी लें।
Anil Kumble-Virat Kohli Fight: गंभीर ने क्यों कहा था Anil Kumble के साथ गलत हुआ
वहीं पूर्व क्रिकेटर Gautam Gambhir ने भी इस विवाद पर अपने विचार रखे और कहा कि अनिल कुंबले के साथ गलत हुआ है। Gautam Gambhir ने कहा कि कुंबले ने जितनी इमानदारी के साथ क्रिकेट खेला और जितने मैच उन्होंने जिताए वो भारतीय क्रिकेट के लिए अपने आप में एक बड़ी बात है, इतने बड़े लीजेंड के साथ ऐसा बर्ताव होता है तो ये काफी ज्यादा अपमानजनक है और कहीं न कहीं ये बीसीसीआई की हार भी है।
उनका कहना है कि जिस तरह उन्होंने अनिल कुंबले के साथ व्यवहार किया ये BCCI की एक बड़ी हार है। गौतम गंभीर ने कहा किसी भी कप्तान को इतनी पावर नहीं देनी चाहिए कि वो बिना किसी बड़ी वजह के किसी कोच पर उंगली उठाए। गंभीर ने कहा कि अगर किसी के बीच मतभेद थे तो वो ठीक किए जा सकते थे लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी को छोड़ दिया जाए। गौतम ने कहा कि किसी भी कोच को एक या दो मैच नहीं बल्कि एक या दो सीरीज के बाद जज करना चाहिए।