Women’s Team Tour: तब महाराष्ट्र के सीएम ने करा दी थी जाने की व्यवस्था, ऐसे हुआ महिला खिलाड़ियों का ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड का दौरा
डायना 40-45 साल पहले के दौर को याद करते हुए बताती हैं कि उन दिनों अगर किसी खिलाड़ी को क्रिकेट खेलने के लिए विदेश जाना होता था तो उसे पैसे मिलते नहीं थे बल्कि देने पड़ते थे।
इसी वजह से निम्न और मध्यम वर्ग के कई प्रतिभावान खिलाड़ी विदेश दौरे पर नहीं जा सकते थे। 1976 में वेस्टइंडीज को हराने के बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का दौरा हुआ तो हर खिलाड़ी को इस दौरे के लिए 10,000 रुपए देने पड़े थे। इसी वजह से कई खिलाड़ी नहीं जा सकीं। डायना और उनकी तीन साथी खुशकिस्मत रहीं, क्योंकि उनके पैसे का इंतजाम महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से करा दिए थे।
विदेश में रहने की भी अलग समस्या थी। ठहरने के लिए वहां रहने वाले किसी भारतीय परिवार की तलाश करनी होती थी। एक-एक परिवार में दो-दो खिलाड़ी ठहरा करते थे। होटल में रहने की तो सोच भी नहीं सकते थे। हालांकि, पुरुष टीम की स्थिति थोड़ी बेहतर थी। उनके लिए कुछ व्यवस्था हो जाती थी।
महिला क्रिकेट में जो लड़कियां उस जमाने में आईं, वे बहुत त्याग, मुसीबतें और समाज के असहयोग का सामना करने के बाद वहां तक पहुंचती थीं। यह कम आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें तमाम तकलीफें झेलनी पड़ीं, लेकिन महिला क्रिकेट का दौर अब तक लगातार सफलता के साथ जारी है।