Yashasvi Jaiswal struggle And Cricket: यशस्वी जायसवाल के लिए मई 2022 का वक्त काफी अहम रहा है, इसके बाद से उनकी जिंदगी में यह खास बदलाव हुआ
Yashasvi Jaiswal struggle And Cricket: क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के सूरिया में हुआ था। वह बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और लेग ब्रेक बॉलर हैं। उन्होंने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच वानखेड़े स्टेडियम में 7 से 9 जनवरी 2019 (मुंबई बनाम छत्तीसगढ़) को खेला था। लखनऊ में 20 सितंबर, 2019 को उन्होंने लिस्ट ए में अपना पहला मैच खेला और 22 सितंबर 2020 को शारजाह में पहला टी20 मैच खेला।
Yashasvi Jaiswal struggle And Cricket: उनकी सफलता से उनको यकीन हुआ कि वे सबसे अच्छे हैं
16 अक्टूबर, 2019 को उन्होंने लिस्ट ए टूर्नामेंट में झारखंड के खिलाफ 203 रन बनाए थे। इसने उनको यकीन दिलाया कि वह दुनिया में सबसे अच्छा बैटिंग कर सकते हैं।
7 मई, 2022 को उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की ओर से पंजाब किंग्स के खिलाफ खेलते हुए 68 रन बनाए और अपना पहला प्लेयर ऑफ द मैच जीता।
जायसवाल का कहना है कि मई 2022 के बाद उनकी जिंदगी सही दिशा में चलने लगी है। उन्होंने अपनी शारीरिक और मानसिक ताकत को अच्छे से समझना शुरू किया और यह जानने लगे हैं कि उन्हें जिंदगी में क्या हासिल करना है।
उनकी खासियत यह है कि वह बहुत गरीब घर से निकलकर बड़ी मेहनत के बाद आज टीम इंडिया में पहुंचे हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी के संघर्षों को कभी नहीं भूले। उसको याद रखने के लिए वे उनको टैटू के रूप में अपने बाहों और अपने हाथों में गुदवा रखे हैं। इससे उनको आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
यशस्वी जयसवाल को क्रीज पर उनके धैर्य, त्रुटिहीन टाइमिंग और शानदार स्ट्रोक प्ले के लिए काफी सराहा जाता है। कम उम्र में पारी बनाने और दबाव की स्थिति से निपटने की उनकी क्षमता ने क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों से समान रूप से प्रशंसा प्राप्त की है। कई लोग उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल संभावना मानते हैं और उनके प्रदर्शन पर कड़ी नजर रखी जाती है।