Bad Luck days of Sourav Ganguly: मैंने खुद पर कभी भरोसा नहीं खोया, सौरव गांगुली ने ऑटोबॉयग्राफी में लिखा – मैं जानता था कि मेरा समय आएगा
Bad Luck days of Sourav Ganguly: भारत में क्रिकेट की जितनी लोकप्रियता है, खिलाड़ियों की भी उससे कम नहीं है। कई क्रिकेटर तो सेलेब्रिटी के रूप में जाने जाते हैं। सौरव गांगुली एक खिलाड़ी के अलावा बीसीसीआई के अध्यक्ष की भी भूमिका निभा चुके हैं। वह काउंटी क्रिकेट, आईपीएल और कई बार विश्व कप खेल चुके हैं। हालांकि उन्हें जिंदगी के कठिन दिन देखने पड़े थे। एक बार हालात ऐसे आ गये थे कि उन्हें पंजाब के एक कम महत्व और अंजान टूर्नामेंट में भाग लेना पड़ा था।
Bad Luck days of Sourav Ganguly: सौरव गांगुली के जीवन में उतार-चढ़ाव वाले दिन
सौरव गांगुली ऑटोबॉयग्राफी में बताते हैं कि टूर्नामेंट के दौरान चंडीगढ़ के होटल के अपने कमरे में अकेले मन ही मन सोचा, “वास्तव में यह कितना अजीब था। अभी तीन महीने पहले कराची में एक शानदार समारोह में मुझे एशिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होने का पुरस्कार मिला था। तब अपनी प्रतिबद्धताओं के कारण मैं समारोह में नहीं जा सका था। डोना विमान से कराची गई थी और उसने मेरी ओर से पुरस्कार स्वीकार किया। और यहां मैं इस हालत में था। यह एक दिन रोल्स रॉयस चलाने और दूसरे दिन फुटपाथ पर सोने जैसा था।”
उन्होंने कहा, “मैंने खुद से कहा कि यह भी एक निवेश था। मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया था कि जब मैं सबसे ज्यादा मेहनत करता हूं तो मैं सबसे अच्छा खेलता हूं। इसलिए मुझे विश्वास था कि मेरा समय आएगा। मुझे पता था कि मैं एक विजेता था। विजेता होना इस बारे में है कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है। और मैंने कभी भी अपने आप पर विश्वास नहीं खोया था।
कहा कि मैंने क्रिकेट के मैदान को देखा और मुझे लगा कि यह मेरा है। पिच को देखा और विश्वास था कि हम जीतेंगे। बल्ले की तरफ देखा और खुद से कहा कि मैं रन बनाऊंगा। मैं हर सुबह सफल होने के लिए उठता था।”