Sourav Ganguly Birthday: कोच के साथ लड़ाई से लेकर ग्राउंड पर अंपायरों से फाइट तक, दादा के 5 सबसे बड़े विवाद
Sourav Ganguly Birthday: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का आज यानी 8 जुलाई को बर्थडे है। दादा अब 51 साल के हो गए हैं। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं दादा से जुड़े कुछ ऐसे विवाद जिसने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरीं।
टॉस के लिए टाइम पर नहीं आते थे दादा
साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ (Steve Waugh) और भारतीय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बीच जंग छिड़ गई थी। स्टीव वॉ सौरव की लेट लतीफी आदतों की वजह से नाराज़ थे। स्टीव खुलकर किसी भी बात को मीडिया के सामने रखते थे। स्टीव वॉ ने अपनी बायोग्राफी में इस बात का खुलासा किया है कि भारत के तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ग्राउंड में काफी देर से आते थे। वो जान-बूझकर परेशान करते थे। हमेशा टॉस के लिए भी देर लगाते थे।
स्टीव के मुताबिक गांगुली Ind Vs Aus सीरीज में सात दफा लेट आए थे। एक बार राजस्थान रॉयल्स के पूर्व कप्तान शेन वार्न गांगुली पर गुस्सा हो गए थे और उन्हें मैच के बाद काफी कुछ सुनाया था क्योंकि गांगुली टॉस के लिए काफी लेट ग्राउंड में आए थे।
गांगुली Vs ग्रेग चैपल
जब ग्रेग चैपल इंडिया के कोच थे तब उनका और गांगुली का काफी विवाद हुआ था। दोनों के बीच की लड़ाई ने टीम इंडिया को दो धड़ों में बांट दिया। दोनों के बीच लड़ाई की चिंगारी तो कई दिनों से थी लेकिन साल 2007 में जगजाहिर हो गई।
ग्रेग चैपल के काम करने का जो तरीका था वो कई खिलाड़ियों को नापसंद था। यहां तक कि इंडिया के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी नाराज़गी जताई थी। दरअसल ग्रेग चैपल कई बार प्रैक्टिस के दौरान खिलाड़ियों से उलझ जाते थे। उनकी लड़ाई पत्रकारों से भी खूब होती थी। किसी भी सवाल पर वो भड़क जाते थे। चैपल से विवाद होने की वजह से साल 2005 में सौरव गांगुली को टीम इंडिया के कप्तान पद से हटाया गया। फिर गांगुली वनडे टीम से भी बाहर कर दिए गए।
द्रविड़ से उलझ गए थे दादा
सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल के बीच विवाद खत्म होने का नहीं ले रहा था। दोनों के बीच तकरार बढ़ते ही जा रहा था। उस दौरान इंडियन टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ थे। सौरव गांगुली का ये मानना था कि कप्तान होने के बावजूद भी द्रविड़ चैपल के मामले में कुछ भी नहीं बोलते जबकि लगभग सभी खिलाड़ियों को उनसे समस्या थी।
एक इंटरव्यू के दौरान गांगुली ने कहा था कि द्रविड़ ऐसे इंसान हैं जो चाहते हैं कि हर चीज़ सही तरीके से चलती रहे। द्रविड़ को इस बात का एहसास था कि चीज़ें गड़बड़ हो रही हैं लेकिन वो ग्रेग चैपल से इस बात का जिक्र करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। ये जानते हुए कि गलत हो रहा है और इस पर चुप रहना बिलकुल गलत है।
https://youtu.be/tKAr6JU9uOo
हालांकि राहुल द्रविड़ ने भी गांगुली को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर गांगुली का ऐसा मानना है कि वो चैपल को नियंत्रण में नहीं रख पाए तो वो अपनी राय रखने के लिए आजाद हैं लेकिन वो अपनी बात को मेरे से नहीं कहलवा सकते। द्रविड़ ने बताया कि इस बारे में कभी भी गांगुली से बात नहीं हुई।
अंपायर से गांगुली की लड़ाई
सौरव गांगुली फील्ड पर काफी एग्रेसिव प्लेयर के तौर पर जाने जाते थे। कहा जाता है कि गांगुली को बहुत जल्दी गुस्सा आता था। यही वजह है कि वो कई बार अंपायर के फैसले से नाखुश होकर रिएक्ट कर देते थे। साल 1998 में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच ख़िलाफ़ बेंगलुरू में टेस्ट मैच खेला जा रहा था। मैच में गांगुली को अंपायर ने आउट करार दिया था जिससे गांगुली अंपायर पर काफी नाराज़ हो गए थे जिसकी वजह से उन्हें एक वनडे मैच पर बैन झेलना पड़ा। अंपायर से नाराज़गी का ये पहला किस्सा नहीं है बल्कि साल 2000 में भी अंपायरों से गांगुली भिड़ गए थे। दरअसल ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ एक में गांगुली पर अंपायरों ने धमकी देने का आरोप लगाया था और इसलिए गांगुली को एक वनडे मैच के लिए बैन कर दिया गया था। इसके बाद साल 2001 में श्रीलंका दौरे की बात करें तो एक मैच में एलबीडब्लू आउट दिए जाने से अंपायर पर गांगुली इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने अंपायर को अपना बैट दिखा दिया और फिर से वो एक वनडे मैच के लिए बैन हो गए।
शर्ट निकाल कर मनाया जश्न
क्रिकेट का एक फैन इस मोमेंट को नहीं भूल सकता। जब सौरव गांगुली ने अपना शर्ट निकाल कर खुशी जाहिर की थी तो सभी की नजरें दादा पर टिकी हुई थी। दरअसल साल 2002 में नैटवेस्ट सिरीज़ के फ़ाइनल मैच में कुछ ऐसा देखने को मिला जो किसी को उम्मीद नहीं थी।
लॉर्ड्स में भारत Vs इंग्लैंड का मुकाबला चल रहा था। भारत को 326 रनों का टारगेट मिला था। उस मैच में युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ़ की पार्टनरशिप ने कमाल कर दिया था जिसके बदौलत इंडिया मैच के साथ सीरीज जीतने में कामयाब रहा। असल में पूर्व ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने इससे पहले जीत के जश्न में t-shirt उतारी थी जिसके जवाब में दादा ने भी यही किया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सबसे पहले भज्जी युवी भी शर्ट लेस होने के लिए तैयार थे लेकिन द्रविड़ के मना करने के बाद सिर्फ गांगुली ने ही t-shirt निकाला।