एशेज (Ashes) सीरीज में अब गर्मा गर्मी देखने को मिलने लगी है। एशेज का शुरुआती टेस्ट मैच बिना किसी विवाद और लड़ाई झगडे के निपट गया था लेकिन दूसरे टेस्ट में जॉनी बेयरस्टो (Johnny Bairstow) के स्टंप आउट होते ही माहौल अपने आप गरमाने लगा। दर्शकों की तरफ से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की हूटिंग की जाने लगी, तो वहीं स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) भी जानबूझकर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से उलझने से नहीं कतराए और लॉर्ड्स के लांग रूम में ख्वाजा के साथ मेंबर्स की बहस भी हुई।
यह पहला वाकया है जब लॉर्ड्स (Lord’s) में इस प्रकार की चीजें देखने को मिली है। इसके पहले लॉर्ड्स के ग्राउंड में खिलाड़ियों की हूटिंग नहीं होती थी और न ही मेंबर्स किसी खिलाड़ी से उलझ सकते थे। एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट समाप्त होने पर ऑस्ट्रेलिया (Australia) 2–0 से सीरीज में बढ़त बना चुकी है और उसे सीरीज में कब्जा करने के लिए मात्र एक मैच और जीतना है।
ऑस्ट्रेलिया 1 टेस्ट मैच और जीत जाती है तो वो 22 साल बाद इंग्लैंड (England) में टेस्ट सीरीज अपने नाम करेगी। साल 2019 में खेली गई एशेज सीरीज ड्रॉ हो गई थी। बता दें, कि दोनों टीमों ने 5 मैचों की सीरीज में 2–2 मैच जीते थे जबकि 1 मैच ड्रॉ हुआ था। इंग्लैंड को सीरीज जीतने के लिए लगातार 3 मैच जीतने पड़ेंगे और एक ऐसा चमत्कार करना पड़ेगा जो एशेज के इतिहास में सिर्फ एक बार ही हुआ है।
एशेज में 2–0 से पीछे होने के बाद भी केवल डॉन ब्रैडमैन की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 1936–37 में एशेज सीरीज जीती थी। ऑस्ट्रेलिया ने वो सीरीज 3–2 से अपने नाम की थी। इंग्लैंड के सीरीज में 2–0 से पिछड़ने के बाद आइसलैंड क्रिकेट ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर तंज कसा है।
आइसलैंड क्रिकेट (Iceland Cricket) ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि “एशेज इतिहास में केवल एक बार ही ऐसा हुआ है जब किसी टीम ने 0–2 से पिछड़ने के बाद एशेज सीरीज जीती हो। लेकिन उस टीम में सर डॉन ब्रैडमैन (Sir Don Bradman) थे जो इस समय की इंग्लैंड टीम के 2 जो रूट (Joe Root) और 4 जैक क्रॉली (Zak Crawley) के बराबर थे।”
बता दें, कि सर डॉन ब्रैडमैन ने 52 टेस्ट की 80 पारियों में 99.94 को औसत से 6996 रन बनाए थे। जबकि जो रूट ने 132 टेस्ट की 242 पारियों में 50.48 की औसत से 11196 रन बनाए है। वहीं जैक क्रॉली ने 36 टेस्ट की 62 पारियों में 28.35 की औसत से 1843 रन बनाए है। आंकड़ों के लिहाज से आइसलैंड क्रिकेट का ट्वीट बिलकुल सही है लेकिन क्रिकेट सिर्फ आंकड़ों पर ही नहीं खेला जाता है।
इंग्लैंड को अगर एशेज सीरीज में जीत दर्ज करनी है तो इतिहास दोहराना पड़ेगा। इंग्लैंड पिछले 8 साल से एशेज सीरीज नहीं जीत पाई है। इंग्लैंड ने 2015 में आखिरी बार एशेज सीरीज में जीत दर्ज की थी।