Indian captain Bishan Singh Bedi : जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार लगा बॉल टेंपरिंग का आरोप, जाने पूरा मामला
Indian Captain Bishan Singh Bedi : बात थोड़ी पुरानी है, दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में नए गेंदबाज जॉन लीवर ने डेब्यू किया। उनकी गेंद को गजब का स्विंग मिल रहा था। भारत के बल्लेबाज बेचैन थे। इस मैच में 10 विकेट (7-46 और 3-24) तथा इंग्लैंड की एक पारी और 25 रन की जीत। कलकत्ता में दूसरा टेस्ट- 2 विकेट लिए और इंग्लैंड की 10 विकेट से जीत। मद्रास में वह तीसरा टेस्ट- 7 विकेट (पहली पारी में 5-59) और टोनी ग्रेग की इंग्लैंड टीम को 200 रन से जीत मिली। एसेक्स काउंटी टीम के लीवर का रन-टू-विकेट और क्लासिकल साइड-ऑन, खब्बू एक्शन और भारत की पिचों पर भी उनकी गेंद काफी स्विंग कर रही थी।
टेस्ट का तीसरे दिन ग्राउंड अंपायर में से एक रूबन ने कहा- ‘मैंने गेंदबाज के रन-अप पर एक जालीदार पट्टी पड़ी देखी, उठाया तो देखा कि उस पर एक चिपचिपा पदार्थ लगा था। जब इस बारे में टोनी ग्रेग को बताया तो वे बोले कि यह वैसलीन है, जिसे गेंदबाजों ने पसीने को अपनी आंखों में जाने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया।’
भारत के कप्तान बिशन बेदी ने सीधे इंग्लैंड की नई गेंद की जोड़ी लीवर और बॉब विलिस पर बॉल टेंपरिंग (गेंद से छेड़छाड़) का आरोप लगा दिया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार ऐसे आरोप लगे थे। इस पूरी क्रिकेट की दुनिया में इस पर सनसनी फैल गई।
इंग्लैंड ने आरोप को गलत बताया। वह पट्टी, जो रुबन ने उठाई थी- उसे जांच के लिए मद्रास की एक फोरेंसिक लैब को भेज दिया। लैब ने क्या रिपोर्ट दी- कोई नहीं जानता। कई साल बाद अंपायर रूबन ने एक इंटरव्यू में कहा- ‘मैं मानता हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन हुआ, और हम इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे।’
टोनी ग्रेग ने भी कई साल बाद कहा- ‘इसमें गेंदबाज ने कुछ गलत नहीं किया था और न ही गेंद चमकाने के लिए किसी अवैध पदार्थ का इस्तेमाल किया। ये एक ऑन-फील्ड फैसला था- पसीने के नमक को आंखों में आने से रोकने के लिए ऐसा किया गया था। ये हमारे फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह थी और कहा था कि वही करना चाहिए जो मैराथन रनर करते हैं, यानी कि गेंदबाजों की भौंहों पर वैसलीन वाली जाली लगा दी।’ ऐसा करने से, पसीने को आंखों में जाने से रोक दिया और वह नीचे की ओर बह गया।
खास बात ये है कि इस इंटरव्यू में टोनी ने ये माना कि ऐसा करना बहुत ही मूर्खतापूर्ण काम था और उनके फिजियोथेरेपिस्ट ने अनजाने में ये गलती की, पर किसी भी तरह से बिशन बेदी और उनकी टीम की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश नहीं कर रहे थे।
टोनी ने, बहरहाल बात को यहीं खत्म नहीं किया और बिशन बेदी को निशाना बनाते हुए कहा- ‘उस समय वे काफी दबाव में थे क्योंकि टीम 2-0 से पीछे थी और उस टेस्ट के बाद, तीन-डाउन। इस बात की काफी अटकलें थीं कि वे कप्तानी गवाएंगे। इसलिए, लगता है वे हार का कोई बहाना ढूंढ रहे थे।’