भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पहली बार विराट कोहली के द्वारा टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी। सौरव गांगुली ने कहा कि विराट कोहली पर किसी भी तरह का कोई दबाव कप्तानी छोड़ने को लेकर नहीं बनाया गया था और उन्होंने खुद टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ी थी।
विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 world Cup 2021) से पहले कहा था कि वो टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ देंगे। इसके बाद उन्हें साउथ अफ्रीका दौरे के लिए वनडे टीम की कमान नहीं दी गई थी और फिर उन्होंने इस दौरे पर खेले गए टेस्ट सीरीज (15 जनवरी 2022) के बाद ही टेस्ट टीम की भी कप्तानी छोड़ दी थी। कोहली ने जिस वक्त टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ी थी उस वक्त सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष थे।
गांगुली ने बताया कि बीसीसीआई इस बात के लिए तैयार नहीं थी कि कोहली टेस्ट कप्तानी छोड़ देंगे। गांगुली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कोहली ने किस वजह से कप्तानी छोड़ी थी और इसका कारण सिर्फ वहीं बता सकते हैं। कोहली के अचानक कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित शर्मा कप्तानी के लिए बेस्ट ऑप्शन थे और फिर उन्हें कप्तानी सौंपी गई। मेरा रोहित शर्मा के ऊपर विश्वास है क्योंकि वो और एमएस धोनी पांच बार आईपीएल खिताब जीते हैं और ये जीतना आसान नहीं है।
सौरव गांगुली ने आज तक को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कोहली की कप्तानी को लेकर ऐसा खुलासा किया। इससे पहले उन्होंने कभी इस मामले में खुलकर कुछ नहीं कहा था। वहीं वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत को मिली हार के बारे में गांगुली ने बात करते हुए कहा कि भारत की हार निराश करने वाली थी और इस टीम में जोश की कमी दिखी। वहीं उन्होंने आगे कहा कि भारतीय टीम ने हार का डर अपने ऊपर हावी कर लिया था। अगर मैं भारतीय टीम का कप्तान होता तो प्लेइंग इलेवन में आर अश्विन को जरूर शामिल करता।
गांगुली ने कहा कि भारतीय टीम बेहद शानदार है और इस टीम ने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया हर जगह मैच जीते हैं। ये टीम कंगारू टीम से काफी आगे दिख रही थी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उस टेस्ट (ब्रिसबेन) में हराया था जब ना विराट कोहली, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा व जसप्रीत बुमराह नहीं थे। इस बार फाइनल में सबसे उम्मीद थी कि भारत जीतेगा, लेकिन पहले दिन के दो सेशन में भारत बहुत पीछे चला गया और इससे बाद रिकवरी नहीं हो पाई।
गांगुली ने कहा कि भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का रिस्क नहीं लिया और ये टीम इंडिया की सबसे बड़ी चूक थी। इस मैच में मुझे कहीं से भी नहीं लगा कि टीम इंडिया मैच में घुसने की कोशिश कर रही है। वैसे इस टीम में काबिलियत है कि वो जीत सकते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया।