2001 की सीरीज में नागपुर में एक प्रैक्टिस मैच में मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने स्टीव वॉ (Steve Waugh) से पंगा ले लिया था। कैफ की अंग्रेजी कमजोर थी, लेकिन उन्होंने कुछ वाक्य सीख लिए थे। और, ऐसे ही दो वाक्यों से स्टीव वॉ पर हमला बोल दिया। वॉ बैटिंग कर रहे थे। हरभजन सिंह बॉलिंग कर रहे थे। कैफ ने चिल्लाना शुरू किया- Get him out, Send him back! कैफ ने शुरुआती दौर में ही तमिलनाडु में यह वाक्य सीखा था। इनका इस्तेमाल वह नागपुर में स्लेजिंग के लिए कर रहे थे।
नागपुर का विकेट था। स्टीव वॉ कम्फर्टेबल नहीं दिख रहे थे। कैफ चिल्लाए जा रहे थे- Get him out, Send him back! दो-तीन ओवर तक तो स्टीव वॉ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे कैफ का उत्साह बढ़ा और उन्होंने लगातार चिल्लाना जारी रखा। चौथे या पांचवे ओवर के बाद स्टीव ने गेंदबाज को हाथ का इशारा करके बॉल फेंकने से रोका।
इसके बाद उन्होंने हेलमेट उतारी, क्रीज से बढ़े और माथे का पसीना पोंछते हुए कैफ की ओर गुर्राई नजरों से देखा। साथ में सिर भी हिलाया। इतने में ही कैफ डर गए और स्टीव वॉ वापस बल्लेबाजी करने चले गए। कैफ ने इस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि अगर वह उस दिन मैच खेल रहे होते तो स्टीव उन पर सारे बाउंसर ही फेंकते।
वैसे, एक बार कैफ भी मुरलीधरन से डर गए थे। श्रीलंका में जब वह खेलने गए थे तो हरभजन सिंंह ने उन्हें उनका सामना करने के लिए ऐसी-ऐसी सलाह दी कि कैफ के हौंसले पस्त हो गए और उन्हें लगा कि वह खेलने से पहले ही आधा आउट हो गए।
कैफ की शुरुआती दौर से ही लखनऊ में तूती बोलती थी। जूनियर क्रिकेट में उनका बड़ा नाम था और वह अंडर 15 वर्ल्ड कप भी जीत आए थे। रेस्ट ऑफ इंडिया बनाम यूपी के एक मुकाबले को याद करते हुए हरभजन सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस मैच में कैफ ने 70-80 रन बनाए थे, लेकिन माहौल ऐसा बना जैसे 700-800 रन बनाए हों।
वह जब एक रन भी लेते थे तो दर्शक जोरदार तालियां बजाते थे, मानों चौंका लगा हो। बाकी के चौका मारने पर भी कम ही तालियां बजती थीं। उस समय कैफ यूपी के कप्तान थे और हरभजन रेस्ट ऑफ इंडिया की ओर से खेल रहे थे।