विश्व कप से पहले अखबार में छपा सचिन का सिक्रेट वेपंस वाला आर्टिकल, तेंदुलकर ने सुनाया विपक्षी टीम को गफलत में डालने वाला किस्सा
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि 2011 के वर्ल्ड कप से पहले सब लोग बेंगलुरू में ट्रेनिंग कैंप में थे। इस दौरान शाम को प्रैक्टिस करने के लिए आपस में यह तय हुआ कि सब लोग दो इनिंग्स खेलेंगे। सचिन तेंदुलकर ने सबको बताया कि वे लेफ्ट हैंड बैटिंग की प्रैक्टिस करेंगे। साथी बॉलर को उन्होंने कहा कि तुम बॉलिंग फेंको और लेफ्ट हैंड बैटिंग करते हुए छक्का लगाएंगे।
इसके बाद उन्होंने तीन बाल बाउंड्री के पार भेजा। छक्के लगाए। सचिन की लेफ्ट हैंड बैटिंग की प्रैक्टिस जारी रही और वे इस स्किल को अपने में डेवलप कर लिये। एक दिन अखबार में आर्टिकल छपा कि लेफ्ट हैंड स्किल सचिन का सिक्रेट वेपंस होने वाला है। सचिन ने उसको पढ़ा तो भगवान को धन्यवाद दिया। चलो अच्छा है कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी इस गफलत में रहेंगे और इसी के आधार पर रणनीति बनाएंगे।
ब्रेकफास्ट विथ चैंपियंस में गौरव कपूर से बात करते हुए सचिन ने कई और मजेदार राज खोले। उन्होंने कहा कि वे लिखते हैं बाएं हाथ से लेकिन भारतीय खाना दाएं हाथ से खाते हैं। इसमें भी एक ट्विस्ट है। अगर खाने को चम्मच से खाना है तो वे चम्मच को बाएं हाथ से पकड़ते हैं। सचिन ने बताया कि जब वे पहली बार 16 साल की उम्र में पाकिस्तान मैच खेलने गये तो वहां लोग उन्हें बच्चा समझते थे।
सचिन ने बताया कि कई बार ऐसा हुआ कि जब वे विदेश में खेलने जाते थे तो मम्मी, आंटी और पापा के लिए कपड़े खरीद कर लाते थे। वे अपने होटल में ही साड़ी वाले को बुलाते थे और वहीं पर दो साड़ी मम्मी और दो साड़ी आंटी के लिए लेते थे। पापा के लिए पैंट-शर्ट लेते थे। सचिन के साथ के अन्य खिलाड़ी भी कई बार ऐसा किये और साड़ियां खरीदीं।
सचिन ने कहा कि एक बार उनको शैंपेन मिला, लेकिन उनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी और ऐसे में उनको कानूनी तौर पर शैंपेन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी। वे शैंपेन को लेकर आए और खोलने के लिए किसी और को दे दिये। सचिन ने बताया कि उन्होंने पहली बार शैंपेन बेटी सारा के पहले बर्थडे पर खोला था। उस समय सचिन की उम्र 25 वर्ष थी।