बिशन सिंह बेदी बोले- गावस्कर को इंडियन क्रिकेट का अभी भी खुदा मानूंगा, लिटिल मास्टर की आलोचना पर सरदार ने ऐसा दिया जवाब
भारत में 70-80 के दशक में क्रिकेट का स्तर आज की तरह नहीं था। तब इतने टूर्नामेंट नहीं होते थे और न ही खिलाड़ियों को इतने मौके मिलते थे। पैसे और सुविधाएं भी कम होती थीं, आज की तरह कामर्शियल बेनेफिट नहीं थे, लेकिन खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा जमकर थी। इसकी वजह से कई बार खिलाड़ी एक-दूसरे की आलोचना भी करते थे। साथ ही उनकी प्रतिभा, योग्यता और क्षमता का सम्मान भी करते थे।
एक इंटरव्यू के दौरान जब पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी से पूछा गया कि गावस्कर उनकी कई बार आलोचना कर चुके हैं। गावस्कर ने कई बार कहा है कि बेदी के बिहैवियर में डुप्लीसिटी है, एरोगैंस है, डबल स्टैंडर्ड है। इस सवाल पर बेदी ने बेफिक्र होने जैसा रवैया अपनाया। कहा कि वे इसकी फिक्र नहीं करते है।
बोले कि कहा होगा, उनकी ओपिनियन है, हम एक आजाद मुल्क में पैदा हुए हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं कहूं कि उनकी एक ही स्टैंडर्ड है। मगर उस लेवल पर स्टूड नहीं करूंगा। मैं उनको इंडियन क्रिकेट का अभी भी खुदा मानूंगा, माइनस हिज इंटेंस इन्वाल्वमेंट विद मनी।
बेदी का मानना है कि क्रिकेट खेलना सिर्फ खेल नहीं है देश का सम्मान और गरिमा इससे जुड़ाव होता है। हर खिलाड़ी को इसका ध्यान रखना चाहिए। दूसरी तरफ खिलाड़ियों के बीच आपसी संबंध अलग तरह की बात है। हर खिलाड़ी पूरी मेहनत से मैदान पर अपना प्रदर्शन करता है, लेकिन वहां पर खेल पर फोकस रखने के लिए उसे व्यक्तिगत बातें ड्रेसिंग रूम में छोड़कर आना चाहिए। मैदान पर सिर्फ और सिर्फ खेल पर ही ध्यान देना चाहिए।
अब सब कुछ बहुत प्रोफेशनल हो चुका है, पहले ऐसा नहीं था। बेदी कहते हैं कि उनके जमाने में खिलाड़ी इतनी सुविधाएं नहीं पाते थे, इसलिए उनके लिए क्रिकेट एक समर्पण था, आज क्रिकेट समर्पण से ज्यादा प्रोफेशन है।