दोस्त की बहन को ही दिल दे बैठे थे पाकिस्तान क्रिकेटर सरफराज अहमद, निकाह के बदले बेगम को दिया बेशकीमती गिफ्ट
पाकिस्तानी क्रिकेटर सरफराज अहमद (Sarfaraz Ahmed) की निजी जिंदगी और शादी की कहानी बड़ी ही रोचक है। वे काफी पहले से ही क्रिकेट खेलते रहे हैं। जब वह अंडर-12 क्रिकेट खेल रहे थे, उसी दौरान उनके साथ खेलने वाले एक दोस्त के घर उनका आना जाना हुआ। दोस्त के पिता भी क्रिकेट से जुड़े थे और अंपायर की भूमिका निभाते थे। इस दौरान उनकी दोस्ती में काफी इजाफा हुआ। मिलने-मिलाने का सिलसिला तेज हो गया।
बहरहाल यह सब होते-हवाते दोनों ने लंबा फासला तय कर लिया था। दोनों दोस्तों में अटैचमेंट बढ़ता रहा। इस बीच दोस्त पढ़ाई की तरफ रुख कर लिये और उन्होंने क्रिकेट खेलना ही छोड़ दिया। इससे सरफराज के लिए उसके घर आना जाना बंद हो गया।
फिर भी सरफराज ने दोस्त के पिता से ताल्लुकात बनाए रखा और उनसे कभी-कभार हाल चाल पूछते रहे। काफी गैप के बाद 2009 में दोस्त से सरफराज की फिर मुलाकात हुई। घर आने-जाने का सिलसिला फिर शुरू हुआ। 2010 की बात है। एक दिन सरफराज की नजर दोस्त की बहन पर पड़ी। दोस्त की बहन का नाम सैयदा खुश्बत (Syeda Khusbaht) है। वह बहुत खूबसूरत हैं। सरफराज उनसे निकाह करने के लिए मचल उठे। उन्हें यह अहसास था कि सैयदा खुश्बत भी उनको चाहती है।
इस रिश्ते को जोड़ने में समस्या घर वालों को बताने की थी। बताए कौन इसको लेकर दोनों में बेचैनी थी। सरफराज ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और एक दिन अपनी मां से अपने दिल की बात कह ही दी। मां से यह बात घर के अन्य लोगों तक पहुंची और बात बढ़ी तो सरफराज के घर से संदेशा दोस्त के घर गया।
रिश्ते पर बात बढ़ी तो दोनों के घर वाले रजामंद हो गये। थोड़ी बहुत चर्चा और आपसी पड़ताल के बाद दोनों ओर से निकाह की डेट फाइनल कर दी गई। 2015 में दोनों का निकाह हुआ और नई जिंदगी का सिलसिला शुरू हुआ।
वैसे सैयदा खुश्बत (Syeda Khusbaht) सचमुच खुशनसीब हैं। जब उनका निकाह हुआ, उसी के बाद सरफराज को अपने देश की टीम की कप्तानी नसीब हो गई। सरफराज ने भी अपनी बेगम को एक खास गिफ्ट दिया, जो उनके लिए बेशकीमती था। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। यह सैयदा खुश्बत के लिए दोहरी खुशी और बहुत बड़ा गिफ्ट था। पाकिस्तान से जब भारत हारता है तो वह पाकिस्तान के लिए किसी भी देश पर जीत से ज्यादा अहम हो जाता है।