जमकर मेहनत करवाओ फिर सरसों तेल से मालिश करो। राजेश दुबे के पिता ने इसी फार्मूले से शिवम दुबे (Shivam-Dubey) को क्रिकेटर बनाया है। बेटा जब चार साल का था तभी राजेश ने भांप लिया था कि इसमें शानदार हिटर बनने की क्षमता है। सो, वह टेनिस बॉल से उन्हें खुद सुबह से शाम तक प्रैक्टिस कराने लगे। प्रैक्टिस के बाद गांव के शुद्ध सरसों तेल से डेढ़ घंटे बेटे की मालिश भी किया करते। उन्होंने 20 साल से ज्यादा वक्त तक ऐसा ही किया।
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घर के पीछे ही पिच बनवा कर रोज सैकड़ों बॉल खुद फेंका करते थे। गांव के लोग उन्हें ‘मेंटल’ कह कर ताने मारते। लेकिन, राजेश का लक्ष्य बस एक ही था। बेटे को टॉप क्रिकेटर बनाना।
एक वक्त ऐसा आया, जब परिवार पर मुसीबत भी आई। राजेश की फैक्ट्री बंद हो गई। कमाई का जरिया चला गया। इस वजह से पांच साल तक शिवम की क्रिकेट प्रैक्टिस भी बाधित हुई। उनका वजन 110 किलो के करीब हो गया था। लेकिन, इस हालत में भी राजेश लक्ष्य से नहीं डिगे थे। लक्ष्य वही था- बेटे को टॉप क्रिकेटर बनाना।
राजेश खुद एक पहलवान थे। उन्होंने बेटे को भी जिम के बजाय देसी जुगाड़ से फिट बनाया। शिवम का शरीर भी पहलवान जैसा ही है। छह फीट लंबा, बाहों में डोले, लंबी भुजाएं।
2023 के आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हुए शिवम ने जो खेल दिखाया, वह देख कर पिता को लग रहा है कि मेहनत काम आई। कई लोग उनके शानदार खेल को टीम इंडिया में दोबारा वापसी का रास्ता खोलने वाला भी मान रहे हैं। 2019 नवंबर से फरवरी 2020 के बीच शिवम दुबे को भारतीय टीम की ओर से 14 मैच खेलने का मौका मिला था। पिता को इंतजार है कि फिर से वो दिन लौटें।
शिवम ने आईपीएल 2023 की 12 पारियों में 33 छक्के जड़ दिए और 160 की स्ट्राइक रेट से 385 रन ठोंक दिए। आरसीबी के खिलाफ एक मैच में उन्होंने 27 बॉल पर 52 रन ठोंक कर मैच का पासा ही पलट दिया था।