पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर इंजमाम उल हक पूर्व भारतीय क्रिकेटरअजहरुद्दीन के जबरदस्त फैन रहे। अजहर ने जब खेलना शुरू किया था तो इंजमाम कम उम्र के ही थे। उनकी अजहर से पहली मुलाकात 1992 में हुई थी।
वर्ल्ड कप चल रहा था। भारत और पाकिस्तान की टीम सिडनी में थी। इंजमाम और मोइन खान साथ-साथ जा रहे थे। वे प्रैक्टिस के लिए जा रहे थे। इसी बीच भारतीय टीम प्रैक्टिस करके लौटी। इंजमाम ने मोइन खान से कहा- आज अजहर भाई से मिल कर ही जाऊंगा। अजहर बस से उतरे। इंजमाम उनके पास गए और अपना परिचय दिया। फिर दोनों की गर्मजोशी से मुलाकात हुई। अजहर ने इंजमाम को बैटिंग के टिप्स भी दिए।
अजहर के घर में खेल का माहौल था। मामा क्रिकेट खेलते थे। नाना क्रिकेट को छोड़ हर गेम खेलते थे। पापा भी खेलते थे। अजहर ज्यादातर नाना के साथ रहते थे। बचपन से ही बल्ला पकड़ने लगे थे। फिर स्कूल-कॉलेज के साथ क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ती गई।
अजहर का जन्म 8 फरवरी, 1963 को हैदराबाद में हुआ था। अजहरुद्दीन जब पहली बार अंडर 19 टीम में सेलेक्शन के सिलसिले में बेंगलुरु गए थे तो वहां उनका चयन नहीं हुआ था। वहां उन्हें तीन गेंद खेलाने के बाद ही बता दिया गया कि आपका चयन नहीं होगा, आप हैदराबाद वापस जा सकते हैं।
लौट कर अजहर ने नाना से यह बात बताई तो उन्होंने कहा- मुझे मालूम था, तुम्हारा चयन नहीं होगा। पर मैंने नहीं रोका क्योंकि तुम जाना चाहते थे। तुम्हारा आज भले न चयन हुआ हो, लेकिन एक दिन तुम भारतीय टीम को लीड करोगे।
अजहर ने 31 दिसंबर, 1984 को टेस्ट डेब्यू किया था। यह मैच कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ था। इसके कुछ ही दिन बाद, 20 जनवरी, 1985 को उन्होंने इंग्लैंड के ही खिलाफ (बेंगलुरु में) अपना पहला वनडे मैच खेला था। उन्होंने आखिरी वनडे और टेस्ट साल 2000 में खेला था। 2009 में वह राजनीति में उतर गए थे।
अजहरुद्दीन एक सफल क्रिकेटर रहेे,लेकिन उन पर फिक्सिंंग का भी दाग लगा। इस वजह से उन्हें बैन भी झेलना पड़ा।