मोहिंदर अमरनाथ खेलने में जितने होशियार थे, जिंदगी को भी उतने ही रसीले अंदाज में जीते रहे हैं। वह जहां भी रहे हैं पूरी जिंदादिली से रहे हैं। काम और मेहनत से कभी पीछे नहीं हटे। उनके साथ खेलने वाले उनके साथी उनकी जिंदगी के तमाम ऐसे किस्से कई बार सार्वजनिक रूप से शेयर किये हैं। ऐसा ही एक किस्सा सैयद किरमानी ने सुनाई थी।
उन्होंने जीटीवी के कार्यक्रम ‘जीना इसी का नाम है’ में 1967 इंडियंस स्कूल टीम्स का इंग्लिश टूर के बारे में बताया। किरमानी ने कहा कि वहां वे लोग जहां ठहराये गये थे, उसका नाम कंबरलैंड गेस्ट हाउस था।
उनमें एक दिन वह मोहिंदर अमरनाथ से मिलने उनके कमरे में गये और दरवाजे को खटखटाया तो लड़की ने खोला। किरमानी कुछ देर के रुक गये। उनको लगा कि गलत कमरे में आ गये हैं। उन्होंने सॉरी बोला और अमरनाथ के बारे में पूछने लगे तो लड़की अंदर ले गयी। अंदर का नजारा देखकर वे चौंक गये। वहां एक नहीं छह-सात लड़कियां थीं। ये वे लड़कियां थीं, जो गेस्ट हाउस में पार्टटाइम काम करने आती थीं। किरमानी ने कहा कि अंदर मोहिंदर अमरनाथ मुगलिया अंदाज में बड़े मजे ले रहे थे।
कार्यक्रम में मौजूद मदन लाल ने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि जिमी को तंदूरी चिकन खाने का बड़ा शौक था। एक बार वेस्टइंडीज की टीम इंडिया आई थी। मेहमान टीम के साथ जालंधर में मैच था। तीन दिन के मैच में ये दोस्तों के साथ सैकड़ों तंदूरी चिकन खा गये। जब उसका बिल सेक्रेटरी के पास पहुंचा तो वह हैरान था कि इतना बड़ा बिल क्यों आया है। वे बोले कि क्या वे लोग पूरे जालंधर का चिकन खा गये।
दूसरा किस्सा लंकाशायर में मैच का है। मोहिंदर अमरनाथ और मदनलाल लंकाशायर में काउंटी मैच खेल रहे थे। एक दिन जिमी ने मदन लाल को फोन कर पूछा कि शाम को क्या कर रहे हो। मदन लाल ने कहा कि कुछ नहीं खाली रहूंगा। तब मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि मेरे पास चले आना, शाम को मैं शादी कर रहा हूं। यह सुनकर मदन लाल चौंक पड़े। जिमी की जिंदगी के ये वे हिस्से हैं, जो बताते हैं कि मेहनत और खुशियां साथ-साथ चलती हैं।