आज के बाद तुम स्पिन गेंदबाजी करना छोड़ दो, कप्तान बिशन सिंह बेदी ने करसन घावरी से ऐसा क्यों कहा, जानिये पूरा किस्सा
करसन देवजीभाई घावरी (Karsan Devjibhai Ghavri) भारत के क्रिकेटर रहे हैं। वह बाएं हाथ के तेज-मध्यम गति के गेंदबाज थे। इसके अलावा वे लंबे रन-अप और ऊंची छलांग लगाने वाले एक्शन के साथ तेज और सटीक बाएं हाथ की उंगली स्पिन करने में भी माहिर थे। उन्होंने देश के पूर्व ऑलराउंडर और पूर्व कप्तान कपिल देव के साथ कई मैचों में साथ में गेंदबाजी की और विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को अपनी बाउंसर से खूब छकाते थे।
जिस समय घावरी खेलते थे, उनके जमाने में भारत में तेज गेंदबाज नहीं होते थे। तब स्पिनर ही छाए हुए थे। उन्होंने 1975 में पहला टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में खेला। इस मैच में घावरी ने कुल 2 विकेट लिए। भारत इस मैच में 85 रन से वेस्टइंडीज को हरा दिया।
करसन घावरी और मदन लाल दो ऐसे गेंदबाज रहे हैं जिनकी टीम इंडिया में जगह कभी पक्की नहीं रही, हालांकि दोनों प्लेयर अपने स्तर पर जमकर खेलते थे। चाहे बॉलिंग हो या बैटिंग, या फिर फिल्डिंग, हर जगह वे मेहनत करते थे।
करसन घावर 75-76 के वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के दौरे में नहीं चुने गये, वहीं मदन लाल 1977 के ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद चार साल टीम से बाहर रहे। मदन लाल गर्मियों में इंग्लैंड में जाकर काउंटी क्रिकेट खेलते थे, जहां उन्होंने अपनी स्किल में सुधार किया।
तब घावरी पुरानी गेंद से मीडियम पेस के साथ-साथ स्पिन भी डालना शुरू कर दिये थे। 1976 में इंग्लैंड के विरुद्ध मैच में कप्तान बिशन सिंह बेदी को थोड़ी चोट लग गई थी। इसकी वजह से उन्हें मैच छोड़कर कुछ देर के लिए अंदर जाना पड़ा। मैदान में सुनील गावस्कर कप्तान की भूमिका में थे।
उन्होंने बॉल करसन घावरी को दे दिया और कहा कि स्पिन फेंको। करसन ने सात-आठ ओवर स्पिन बॉलिंग की और पांच विकेट लिये।
कुछ देर बाद जब बिशन सिंह बेदी फिर मैदान पर आये तो करसन से कहा कि आज के बाद तुम स्पिन गेंदबाजी करना छोड़ दो। जब तुम स्पिन करके पांच विकेट ले लोगे तो मैं क्या करूंगा।