मुसलमानों में बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी देने की प्रथा है। पाकिस्तानी क्रिकेटर सरफराज अहमद कुर्बानी पर जो जानवर काटते हैं उस एक जानवर की कीमत 25 लाख रुपए तक होती है। यह बात नादिर अली पॉडकास्ट में सामने आई।
होस्ट नादिर अली के सवालों पर सरफराज ने कई रहस्य खोले
पॉडकास्ट के होस्ट नादिर अली ने सरफराज से सवाल किया- कुर्बानी के लिए आप हाथी ले आते हैं, बड़े-बड़े जानवर लाते हैं, घर में पालते हैं और फिर काटते हैं। आप जो जानवर काटते हैं उस एक जानवर की कीमत आज की तारीख में 15-20-25 लाख रुपए से कम नहीं होती। तो आप यह जानवर कहां से लाते हैं?
बचपन में जानवर खरीदने के लिए मंडी जाने का किस्सा भी सुनाया
इसके जवाब में सरफराज ने बताया कि यह शौक बचपन से ही है। उन्होंने बचपन में जानवर खरीदने के लिए मंडी जाने का किस्सा भी सुनाया कि कैसे वह मंडी जाते थे और पूरी रात बिता कर जानवर खरीदते थे।
सरफराज ने बताया कि पहले जानवर 15-20 दिन पहले लाते थे, लेकिन जब पैसे आए तो एक साल पहले खरीदने लगे। उन्हें जानवर पालने का शौक बचपन से ही था।
सरफराज ने यह भी बताया कि वह कुर्बानी के लिए एक साल पहले ही मंडी से जानवर ले आते हैं और उसको पूरे साल अपने घर पर पूरी मेहनत से पालते हैं। गुलाब जामुन, दही के पेड़े जैसी चीजें खिलाते हैं। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का शौक तो कराची वालों के खून में है।
सरफराज को बकरों की कुर्बानी का शौक नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके पिता बकरे ले आया करते थे। लेकिन, वह नहीं लाते हैं। इसके पीछे की एक वजह उसे पालने में होने वाली मुश्किल भी है। हाल में उन्होंने बताया कि उनके भाई दो छोटे-छोटे बकरे ले आए थे तो उन्होंने उनसे यह पूछा कि इन्हें दूध कौन पिलाएगा?
सरफराज ने इस चलन पर भी चिंता जताई कि लोग अब कुर्बानी से कुछ घंटे पहले ही जानवर खरीद कर लाने लगे हैं।