आईपीएल: रिंकू सिंह को झाड़ू-पोंछा का काम मिला, तभी संकल्प लिया- क्रिकेट से ही बदलना है किस्मत
रिंकू सिंह। आईपीएल 2023 का वह खिलाड़ी जिसने इतिहास बना दिया। आखिरी ओवर में पांच बॉल पर लगातार छक्के मारकर अपनी टीम को जीत दिलाई। ऐसा आईपीएल के इतिहास में पहली बार हुआ। यह कारनामा करने वाले रिंकू सिंंह वही हैं, जिन्हें कभी मजबूरी में घर में झाड़ू-पोंछा का काम करने जाना पड़ा था। लेकिन, उन्होंने उस काम को छोड़ क्रिकेट में जान लगाने की ठानी थी।
केकेआर ने रिंंकू सिंंह को 80 लाख रुपए में खरीदा था। रिंंकू बताते हैं कि इतना पैसा उनके खानदान में किसी ने नहीं देखा था। उन्हें खुद उम्मीद नहीं थी कि इतने पैसे मिलेंगे।
केकेआर ने उनके लिए 80 लाख रुपए की बोली लगाई
2022 में जब नीलामी हो रही थी तो मुंबई इंडियंस और केकेआर में उनके लिए टक्कर चल रही थी। रिंकू घर में टीवी पर यह सब देख रहे थे। उन्हें 20 लाख तक की उम्मीद थी, लेकिन जब केकेआर ने उनके लिए 80 लाख रुपए की अंतिम बोली लगाई तो उनकी खुशी का ठिकाना न था।
पहला काम बहन-भाई की शादी करने का सोचा था
80 लाख रुपए सुन कर रिंंकू के दिमाग में जो पहला ख्याल आया था वह था कि अब मैं अपने भाई की शादी में पैसे खर्च कर सकूंगा और कुछ अपनी बहन की शादी के लिए भी बचा लूंगा। साथ ही, एक अच्छे से घर में शिफ्ट हो जाऊंगा।
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रिंकू पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके पिता खानचंद्र घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं, बड़ा भाई ऑटो रिक्शा चलाता है और एक अन्य भाई कोचिंग सेंटर में काम करता है। उनका दो कमरों का क्वार्टर भी अलीगढ़ में स्टेडियम के पास एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के कंपाउंड में ही था।
पांच लाख रुपये कर्ज चुकाने में पूरा परिवार संघर्ष कर रहा था
साल 2020 में रिंकू का परिवार पांच लाख रुपए के कर्ज में फंसा था। इसे चुकाने के लिए पूरा परिवार संघर्ष कर रहा था। पिता की कमाई छह-सात हजार रुपए प्रति महीने थीे। भाई भी लगभग इतना ही कमाते थे। खुद रिंंकू बतौर क्रिकेटर मिलने वाला रोज का भत्ता बचा लिया करते थे। इस तरह पूरा परिवार कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष करता रहा था।
रिंकू पढ़ने-लिखने में भी ठीक नहीं थे। वह नौंवी फेल हैं। ऐसे में उन्हें मालूम था कि बेड़ा पार होगा तो क्रिकेट से ही। फिर भी मजबूरी के चलते एक दिन उन्होंने अपने भाई से कहीं नौकरी दिलवाने के लिए कहा। भाई एक जगह ले गए। वहां रिंंकू को घर का काम, साफ-सफाई, झाड़ू-पोंछा आदि करने के लिए कहा गया। वह घर लौटे तो मां से साफ कह दिया कि उनसे यह काम नहीं होगा और उन्हें क्रिकेट में ही जान लगानी होगी।
जब दिल्ली के एक टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज बन कर रिंंकू एक मोटरसाइकिल जीत गए तब परिवार वालों को भी उन पर यकीन होने लगा। इस बीच, मोटरसाइकिल से उनके पिताजी पूरे अलीगढ़ में सिलेंडर बांटने लगे।
2021 में पंजाब ने उन पर भरोसा किया, लेकिन बात नहीं बनी। तब एक बार फिर किस्मत पलटी। मुंबई इंडियंस ने उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया। वहां रिंंकू ने 31 गेंद में 91 रन ठोंक दिया। इसका काफी असर हुआ और यह उनके लिए कॅरिअर का मास्टर स्ट्रोक रहा।