टीम इंडिया के खिलाड़ी शिखर धवन को 15 साल की उम्र में कराना पड़ा एचआईवी टेस्ट, जानिये पूरा किस्सा
टीम इंडिया के खिलाड़ी शिखर धवन अपने जिद्दी स्वभाव और मनमाफिक कारनामों के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर ऐसे काम कर जाते हैं, जिनके लिए वे किसी की भी परवाह नहीं करते हैं। बाद में भले ही अपने किये पर उनको पछतावा करना पड़े।
मनाली गये थे घूमने, वहां लोगों को टैटू बनवाते देख खुद को नहीं रोक सके
अपनी शुरुआती जिंदगी के बारे में चर्चा के दौरान एक इंटरव्यू में शिखर धवन कहते है कि जब वे केवल पंद्रह साल के थे, तो उनके साथ एक अजीब वाक्या हुआ। वह मनाली घूमने गये थे। इस दौरान उन्होंने वहां देखा कि काफी लोग अपने बदन पर टैटू बनवा रहे हैं। यह देख इनका भी मन हो गया। शिखर ने कहा कि वे बिना घर वालों को बताए अपनी पीठ पर टैटू बनवा लिये।
महीनों घर वालों को नहीं बताया, पिता ने देखा तो हंगामा मच गया
वहां से घर पहुंचे तो कई महीनों तक इसे छिपाये रखा। घर वालों को नहीं बताया। एक दिन इसका भेद ही खुल ही गया। किसी काम को करते हुए उनके पिता ने पीठ पर बने टैटू को देख लिया। इससे वे बहुत गुस्सा हुआ। शिखर की तो शामत आ गई। उनकी जमकर पिटाई की।
असल में हुआ यह कि टैटू बनाने वाला एक ही सूई से सबको टैटू बना रहा था। ग्राहकों में बहुत से ऐसे भी होते हैं, जिनकी एचआईवी पॉजीटिव होता है। पिता को इस बात का डर हो गया कि कहीं उनके बेटे में संक्रमण न हो जाए। इससे वे बहुत परेशान थे।
शिखर को जब यह बात पता चली तो वे भी बहुत डर गये। इसके बाद वे फौरन निजी अस्पताल गये और अपना एचआईवी टेस्ट कराया। संयोग अच्छा था कि उनका एचआईवी नेगेटिव आया। इसके बाद उनको राहत महसूस हुई।
शिखर धवन ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया कि कई बार लोगों की आदतें उनसे वे काम करा लेती हैं, जो करने को बहुत अधिक इच्छुक नहीं होते हैं। जब कोई काम किसी वजह से कोई 30-40 बार कर देता है, तो वह उसकी आदत बन जाती है। करता तो काशंस माइंड से है, लेकिन वह जाकर सब कांशस माइंड में स्टोर हो जाता है। इससे वह आदत बन जाती है और फिर इंसान आदतन उसको करने के लिए मजबूर हो जाता है।