भारत में चल रहे मौजूदा क्रिकेट विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद आंतरिक कलह से जूझ रहे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (एसएलसीबी) को भंग कर दिया गया है। सोमवार की सुबह जारी एक आदेश में खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने 1996 विश्व कप विजेता कप्तान और पूर्व मंत्री अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता में एक अंतरिम बोर्ड नियुक्त किया। उन्होंने नए बोर्ड को सिस्टम को साफ करने और जवाबदेही लाने का आदेश दिया है। लेकिन, खेल मंत्री के फैसले से लगता है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नाराज हो गए हैं।
खबरों के मुताबिक नई अंतरिम समिति के बारे में राष्ट्रपति को सूचित नहीं किए जाने के बाद से राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और रोशन रणसिंघे के बीच विवाद चल रहा है। उम्मीद है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे सोमवार शाम को कैबिनेट बैठक के दौरान रोशन रणसिंघे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। श्रीलंका क्रिकेट अत्यधिक राजनीतिक है और खिलाड़ियों के चयन सहित सभी मामलों में खेल मंत्रालय के पास बोर्ड पर हावी शक्तियां हैं। श्रीलंका ने अब तक पांच मैच हारे हैं और टूर्नामेंट के सेमीफाइनल से बाहर होकर सिर्फ दो मैच जीते हैं।
टीम के अपमानजनक प्रदर्शन के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया और बोर्ड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। अर्जुन रणतुंगा इससे पहले श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं। पिछले कुछ समय से वह कथित भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को लेकर बोर्ड पर हमला करते रहे हैं।